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मिस्र ने मेडिकल आपूर्ति से भरा विमान अमेरिका भेजा, चीन और इटली की भी कर चुका है मदद

कोरोना महामारी से लड़ने के लिए मिस्र ने चिकित्सा आपूर्ति से भरा विमान अमेरिका भेजा है। मिस्र इससे पहले चीन और इटली को भी मेडिकल सामग्री भेज चुका है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Wed, 22 Apr 2020 03:22 PM (IST)Updated: Wed, 22 Apr 2020 03:22 PM (IST)
मिस्र ने मेडिकल आपूर्ति से भरा विमान अमेरिका भेजा, चीन और इटली की भी कर चुका है मदद
मिस्र ने मेडिकल आपूर्ति से भरा विमान अमेरिका भेजा, चीन और इटली की भी कर चुका है मदद

वाशिंगटन, एएफपी। कोरोना महामारी से मुकाबले में मदद के तौर पर मिस्र ने चिकित्सा आपूर्ति से भरा एक विमान अमेरिका भेजा है। मिस्र के इस कदम ने कइयों को आश्चर्य में डाल दिया है, क्योंकि अमेरिकी सहायता पाने में वाले देशों में वह शीर्ष पर है। अमेरिका में कोविड-19 से मरने वालों का आंकड़ा 44 हजार के पार पहुंच गया है, जबकि संक्रमित लोगों की कुल संख्या 8 लाख 24 हजार से ज्यादा है। 

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वर्ष 2018 में अमेरिका ने मिस्र को 1.2 अरब डॉलर (करीब 9200 करोड़ रुपये) से ज्यादा की सहायता दी थी। सैन्य जनरल से मिस्र के राष्ट्रपति बने अब्देल फतह अल सिसी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ संबंध मजबूत बनाने के लिए उत्सुक रहे हैं। मिस्र इससे पहले चीन और इटली को भी मेडिकल सामग्री भेज चुका है।

मिस्र के राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी किए गए एक वीडियो में मेडिकल सामग्री को सैन्य परिवहन विमान में लादा जा रहा है। इसके साथ अंग्रेजी और अरबी में एक संदेश लिखा है, 'मिस्र के नागरिकों की तरफ से अमेरिकी लोगों के लिए।'

मिस्र के साथ संबंधों को बढ़ावा देने वाले अमेरिकी सांसद डच रूपरबर्गर ने बताया कि यह विमान वाशिंगटन के बाहर एंड्यूज एयरफोर्स बेस पर उतरा। विमान में दो लाख मास्क, 48 हजार शू कवर, 20 हजार सर्जिकल कैप और अन्य सामान है। डेमोक्रेट रूपरबर्गर ने ट्विटर पर लिखा, 'ऐसा इसलिए है क्योंकि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और मिस्र जैसे सहयोगियों के साथ संबंध बनाए रखना संकट के समय ही नहीं बल्कि हर समय आवश्यक है।' काहिरा में अमेरिकी राजदूत जोनाथन कोहेन ने भी मिस्र के इस कदम की सराहना की है। मिस्र में संक्रमण के 3,300 मामले सामने आए हैं और करीब 250 लोगों की मौत हो चुकी है।

सहायता पर सवाल भी उठे

मिस्र की सहायता पर कुछ लोगों ने सवाल भी उठाया है। उनका कहना है कि क्या मिस्र जैसा देश मेडिकल आपूर्ति भेज सकता है, जहां एक तिहाई आबादी लगभग डेढ़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 115 रुपये) या उससे कम प्रतिदिन कमाती है।


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