बढ़ा तनाव: सऊदी अरब की तेल पाइप लाइन पर ड्रोन से हमला, कच्चे तेल की आपूर्ति रोकी
एक प्रमुख सऊदी तेल पाइपलाइन के दो पंपिंग स्टेशनों पर मंगलवार को विस्फोटक से भरे ड्रोन से हमला किया गया है।
रियाद, रायटर/प्रेट्र। सऊदी अरब ने कहा कि रियाद क्षेत्र में उसके तेल पंपिंग स्टेशन पर विस्फोटक लदे ड्रोन से हमला किया गया है। यमन में सक्रिय ईरान समर्थित आतंकी संगठन हाउती ने हमले की जिम्मेवारी ली है। यह आतंकी कार्रवाई संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के जलक्षेत्र में सऊदी अरब के दो तेल ट्रैंकरों को निशाना बनाए जाने के दो दिनों बाद मंगलवार को की गई है। सऊदी अरब ने एक मुख्य आयल पाइपलाइन बंद कर दी है।
दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देश के ऊर्जा मंत्री खालिद अल-फालिह ने कहा कि दो तेल पंपिंग स्टेशनों पर हमले से तेल उत्पादन या क्रूड और पेट्रोलियम उत्पाद के निर्यात में कोई बाधा उत्पन्न नहीं हुई है। उन्होंने कहा है कि हाल के हमलों ने वैश्विक तेल आपूर्ति पर खतरा पैदा कर दिया है। इसने इस तरह की बाधा पैदा करने वाली गतिविधि के पीछे काम करने वाले आतंकी समूहों का मुकाबला करने की जरूरत को भी साबित कर दिया है। ऐसे आतंकी समूहों में यमन में सक्रिय ईरान समर्थित हाउती आतंकी भी शामिल हैं।
हाउती संचालित मासिराह टीवी ने मंगलवार को सैनिक अधिकारी के हवाले से कहा कि उसने महत्वपूर्ण सऊदी प्रतिष्ठानों पर ड्रोन से हमला किया है। सऊदी के नेतृत्व में सैन्य गठबंधन यमन में चार साल से हाउती के साथ संघर्ष कर रहा है। मंगलवार को हुआ हमला और रविवार को यूएई के तट पर वाणिज्यिक पोतों को निशाना बनाने की घटना के बाद खाड़ी देशों में तनाव बढ़ गया है।
अमेरिका और ईरान के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गया है। यूएई ने फुजैरा में हुए हमले की प्रकृति का ब्योरा नहीं दिया है। उसने किसी पक्ष या देश पर आरोप भी नहीं लगाया है। रविवार को हुई तोड़फोड़ की घटना में ईरान प्रमुख संदिग्ध है। लेकिन वाशिंगटन के पास इसका कोई ठोस सुबूत नहीं है। तेहरान ने इस घटना में संलिप्तता से इन्कार किया है और वाणिज्यिक पोतों पर हुए हमले को चिंताजनक करार देते हुए इसकी जांच की मांग की है।
अमेरिका ने ईरान पर टैंकरों पर हमले का आरोप लगाया
वाशिंगटन : प्रारंभिक अमेरिकी आकलन ने संकेत दिया है कि सऊदी अरब के दो तेल टैंकरों और दो अन्य पोतों को हुए नुकसान के पीछे ईरान का हाथ हो सकता है। यह आकलन अंतिम निष्कर्ष नहीं है। इसमें कहा गया है कि अमेरिका की कई चेतावनियों के बाद हुई घटना के लिए तेहरान जिम्मेवार हो सकता है।
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