COVID-19: यमन में महामारी का कहर, जर्जर है यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था
पांच साल लंबे जंग ने यमन की स्वास्थ्य हालात को इस कदर जर्जर अवस्था में पहुंचा दिया है कि अब कोविड-19 का कहर इसके लिए किसी बड़े मुसीबत जैसा साबित होने वाला है।
सना, एपी। दक्षिणी यमन के मुख्य शहर आदेन (Aden) में पिछले सप्ताह सैंकड़ों लोगों की मौत हो गई। इनमें कोरोना वायरस के संक्रमण वाले लक्षण थे। यह जानकारी स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने दी। उन्होंने हालात के और बदतर होने की आशंका व्यक्त की। उन्हें इस बात का डर है कि संक्रमण और फैल सकता है। यमन के पास बीमारी के लिए जांच व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं है कि वह संदिग्धों की जांच कर सके। पांच साल लंबे जंग के कारण यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था काफी खराब हो चुकी है। आधिकारिक तौर पर कोरोना वायरस के संक्रमण का आंकड़ा यहां कम है। यहां अब तक 106 संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
आदेन के 333 जिलों में से 18 फीसद जिलों में कोई चिकित्सक ही नहीं है। जलापूर्ति और निकास प्रणाली चरमराई हुई है। कई परिवारों को एक वक्त का भोजन भी नसीब नहीं होता। यमन में करीब 500 वेंटिलेंटर और आईसीयू में 700 बिस्तर हैं। हर 25 लाख लोगों के लिए प्रति माह एक ऑक्सीजन सिलेंडर हैं। सुरक्षात्मक उपकरणों के अभाव में स्वास्थ्यकर्मी कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीजों का उपचार नहीं करना चाहते हैं। कई चिकित्सकों को भरोसा है कि देश में मौत की संख्या में बढ़ोतरी का कारण कोरोना वायरस संक्रमण है। युद्ध के कारण देश में पहले की एक लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।
आदेन में कब्र खोदने वाले एक शख्स ने बताया कि उसने शहर में इतनी संख्या में लोगों को मरते कभी नहीं देखा, जबकि गृह युद्ध के कारण आए दिन सड़कों पर लोग एक-दूसरे का खून बहाते हैं। आधिकारिक रूप से, यमन के दक्षिणी क्षेत्र में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 106 है जिनमें से 15 लोगों की मौत हो गई है।
हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले उत्तरी यमन में प्राधिकारियों ने संक्रमण के पहले मामले की घोषणा पांच मई को की थी और कहा था कि संक्रमण के केवल दो मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक की मौत हो गई है।