इराक में मौलवी कर रहे हैं लड़कियों की दलाली, जानिए क्या है इसके पीछे की पूरी कहानी
इराक की राजधानी बगदाद और कर्बला में मौलवी बच्चों और युवा महिलाओं के यौनशोषण का गोरखधंधा चला रहे हैं।
बगदाद, एजेंसी। कई सालों तक युद्ध झेलने वाले इराक को उसका सामजिक दुष्परिणाम भुगतना पड़ रहा है। इस कारण लाखों की तादाद में पुरुष मारे गए और करीब 10 लाख औरतें विधवा हो गईं। इसका फायदा इराकी मौलवी उठाने में लगे हैं। बीबीसी की अंडरकवर रिपोर्ट से पता चला है कि इराक की राजधानी बगदाद और कर्बला में मौलवी बच्चों और युवा महिलाओं के यौनशोषण का गोरखधंधा चला रहे हैं। इराक में इसे 'प्लेजर मैरिज' या 'निकाह मुता' कहा जाता है। इसे इराक में गैरकानूनी घोषित किया गया है।
मौलवियों ने खोल रखा है निकाह दफ्तर
इस इस्लामी प्रथा के अनुसार पैसे खर्च कर शिया मुसलमान कुछ समय के लिए अस्थायी पत्नी रख सकते हैं। कुछ मौलवी इसके जरिए महिलाओं और बच्चों का शोषण कर रहे हैं। जांच में पता चला है कि कुछ मौलवी मस्जिदों के पास निकाह का दफ्तर खोल रखा है। ये मौलवी प्लेजर मैरिज (निकाह मुता) के लिए महज कुछ घंटों के लिए यौन संबंध बनाने के लिए लड़कियां दिलाने के लिए तैयार थे। इनमें कुछ मौलवी तो इसके लिए नौ साल की लड़कियां भी उपलब्ध कराने के लिए तैयार थे। कुछ मौलवी महिलाओं को उपलब्ध कराने के लिए तैयार थे। इसमें मौलवी लड़कियों की दलाली कर रहे थे। यहां तक कि बच्चों का यौन शोषण कराने में पीछे नहीं थे।
जानिये क्या है निकाह मुता या प्लेजर मैरिज
इस्लाम में अस्थायी निकाह के लिए इस विवादास्पद धार्मिक प्रथा का उपयोग किया जाता है। शिया मुस्लिम निकाह मुता या प्लेजर मैरिज के जरिए अस्थायी निकाह करते हैं। इसमें महिला का पैसा दिया जाता है। इस तरह सुन्नी मुस्लिम मिस्यार निकाह करते हैं। यह एक तरह से कांट्रैक्ट मैरिज है।
इसकी शुरुआत मुसलमानों को यात्रा के दौरान एक पत्नी को ले जाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था, लेकिन बाद में इसका रूप बदल गया। काफी मुस्लिम विद्वानों और महिलाओं का मानना है कि इस प्रथा के जरिए समाज में वेश्यावृत्ति को मान्यता प्रदान की जाती है।