इजरायल चुनाव: नतीजों पर टिकी निगाहें, PM नेतन्याहू 5वीं बार सत्ता की दौड़ में
इजरायली संसद नेसेट की 120 सीटों के लिए हुए मतदान में देश की 63 लाख आबादी ने हिस्सा लिया। इजरायली सेना के जवानों ने शनिवार शाम ही देशभर के सैन्य ठिकानों में अपना वोट डाल दिया था।
यरुशलम, एजेंसी । भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का दौर खत्म हो सकता है। अगर एग्जिट पोल के नतीजों पर भरोसा किया जाए तो देश के सबसे ज्यादा समय तक प्रधानमंत्री रहे नतन्याहू को संसद में बहुमत नहीं मिलेगा। एग्जिट पोल के नतीजों से जहां विपक्ष में उत्साह है, वहीं सत्ता पक्ष् में उदासी छाई है। एग्जिट पोल्स इस बार सत्ता परिवर्तन की ओर इशारा कर रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो नेतन्याहू का पांचवी बार प्रधानमंत्री बनने के सपने पर पानी फिर सकता है। हालांकि इस चुनाव में नेतन्याहू ने पूरी ताकत झोंक दी है। उन्होंने चुनाव जीत के हथकेंडे के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी इस्तेमाल किया है। उनके साथ तस्वीरों को भी अपने प्रचार में इस्तेमाल किया है।
22वें संसदीय चुनाव के लिए हुआ मतदान
बता दें कि इजरायल में मंगलवार को 22वें संसदीय चुनाव के लिए वोट डाले गए। अप्रैल में हुए चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिलने के कारण पांच महीने के भीतर देश में दोबारा चुनाव कराना पड़ा। इस चुनाव को भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सत्ता में टिके रहने के जनमत संग्रह के तौर पर भी देखा जा रहा है। 69 वर्षीय नेतन्याहू पांचवीं बार प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल हैं। फेसबुक ने मंगलवार को प्रधानमंत्री के फेसबुक चैटबोट को निलंबित कर दिया। सोशल मीडिया जाइंट ने एक सप्ताह से भी कम समय में दूसरी बार यह कदम उठाया है।
120 सीटों के लिए देश की 63 लाख आबादी ने हिस्सा
इजरायली संसद नेसेट की 120 सीटों के लिए हुए मतदान में देश की 63 लाख आबादी ने हिस्सा लिया। इजरायली सेना के जवानों ने शनिवार शाम ही देशभर के सैन्य ठिकानों में अपना वोट डाल दिया था। विभिन्न देशों में मौजूद इजरायल के राजनयिकों ने भी पहले ही मतदान कर दिया था। मंगलवार सुबह सात बजे मतदान केंद्र खुल गए। मतदाताओं ने रात 10 बजे तक मतदान किया। दोपहर तक 26.8 फीसद मतदान रिकार्ड किया गया। नौ अप्रैल को हुए मतदान में इस अवधि के दौरान इससे दो फीसद कम वोट पड़े थे।
पूर्व सेना प्रमुख से नेतन्याहू को मिल रही चुनौती
दक्षिणपंथी लिकुड पार्टी के प्रमुख और सबसे लंबे समय तक देश के प्रधानमंत्री रहने वाले नेतन्याहू को पूर्व सेना प्रमुख बेनी गेंट्ज से कड़ी चुनौती मिल रही है। ब्ल्यू एंड ह्वाइट पार्टी के गेंट्ज ने अपना वोट डालने के बाद जनता से भ्रष्टाचारी और कट्टरपंथी सरकार को हटाने की अपील की। उन्होंने कहा, 'हमें नई उम्मीद चाहिए। हम बदलाव के लिए मतदान कर रहे हैं।' नेतन्याहू ने भी पत्नी सारा के साथ यरुशलम में मतदान किया।
सरकार गठन के लिए सबकुछ करेंगे: राष्ट्रपति
इजरायल के राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन ने वीडियो संदेश में कहा कि देश में जल्द से जल्द जनता द्वारा चुनी हुई सरकार का गठन करने और फिर चुनाव से बचने के लिए वह सभी प्रयत्न करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि यदि संसद सरकार बनाने में विफल रहती है या प्रस्तावित सरकार खारिज हो जाती है तो वह ऐसे व्यक्ति को सरकार का जिम्मा सौंपेंगे जिसके पास 61 सांसदों का समर्थन हो।
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