अब्दुल्ला ने की अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव की पुनर्मतगणना रोकने की मांग
अफगानिस्तान में 28 सितंबर को हुए राष्ट्रपति चुनाव के बाद से अनिश्चितता पैदा हो गई है और परिणाम घोषित होने में देरी हो सकती है।
काबुल, एएफपी। अफगानिस्तान के चीफ एग्जिक्यूटिव अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने राष्ट्रपति चुनाव की पुनर्मतगणना रोकने की मांग की है। अपने चुनाव पर्यवेक्षण टीम को एकतरफा हटाते हुए उन्होंने कहा है कि वह मतगणना में धांधली कर घोषित किए जाने वाले नतीजों को स्वीकार नहीं करेंगे।
चुनाव में अनिश्चितता
देश में 28 सितंबर को हुए चुनाव के बाद इस घटनाक्रम से अनिश्चितता पैदा हो गई है और परिणाम घोषित होने में देरी हो सकती है। निवर्तमान राष्ट्रपति अशरफ गनी को चुनौती देने वाले दो प्रत्याशियों ने रविवार को कहा कि वह पुनर्मतगणना में पहले से ही नियोजित संदिग्ध मतों को शामिल किए जाने का समर्थन नहीं करेंगे।
अब्दुल्ला ने कहा- पुनमर्तगणना रोकनी चाहिए
इन चुनावों में मतदान फीसद काफी कम रहा जो कि एक रिकार्ड है। अब्दुल्ला ने काबुल में एक रैली में कहा, 'पुनमर्तगणना रोकनी चाहिए। हम धोखेबाजों से प्रक्रिया को बचाना चाहते हैं। धांधलीपूर्ण चुनाव को स्वीकार नहीं किया जाए। चुनाव नतीजे हमारे लोगों के स्पष्ट वोटों पर आधारित होने चाहिए।'
अब्दुल्ला ने पुनर्मतगणना की प्रक्रिया से अपनी टीम को हटा लिया
अब्दुल्ला को पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में शिकस्त का सामना करना पड़ा था। अब्दुल्ला ने पुनर्मतगणना की प्रक्रिया से अपनी टीम को एकतरफा तरीके से हटा लिया है। उन्होंने चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले यह कदम उठाया है। अब्दुल्ला ने कहा कि यदि उनकी टीम के पर्यवेक्षक अफगानिस्तान के 'स्वतंत्र चुनाव आयोग' (आइईसी) द्वारा पुनर्मतगणना के दौरान उपस्थित नहीं रहते हैं तो चुनाव नतीजों की कोई वैधता नहीं रहेगी।
चुनाव नतीजे 14 नवंबर को आने की उम्मीद
राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व वाली देश की सरकार में अब्दुल्ला एक साझेदार हैं। इस चुनाव में गनी उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। गनी ने पुनर्मतगणना प्रक्रिया से अब तक अपने पर्यवेक्षकों को नहीं हटाया है, लेकिन अन्य उम्मीदवारों ने पुनर्मतगणना प्रक्रिया से परेशानी जाहिर की है। मतगणना में धांधली और तकनीकी मुद्दों के लेकर नतीजों की घोषणा बार-बार टाली गई। शुरुआती चुनाव नतीजे 14 नवंबर को आने की उम्मीद है।