Move to Jagran APP

जापानी PM फुमियो और बाइडन के बीच फोन पर लंबी वार्ता, चीन और उत्‍तर कोरिया की टेंशन बढ़ी

जापान के नए प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर करीब 20 मिनट बातचीत की। दोनों ने चीन और उत्तर कोरिया से बढ़ रही चुनौतियों के मद्देनजर अमेरकिा और जापान में सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 05:10 PM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 05:21 PM (IST)
जापानी PM फुमियो और बाइडन के बीच फोन पर लंबी वार्ता, चीन और उत्‍तर कोरिया की टेंशन बढ़ी
जापान के पीएम फुमियो और बाइडन के बीच फोन पर लंबी वार्ता।

टोक्यो, एजेंसी। जापान के नए प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन पर करीब 20 मिनट बातचीत की। दोनों ने चीन और उत्तर कोरिया से बढ़ रही चुनौतियों के मद्देनजर अमेरकिा और जापान में सहयोग बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्धता जताई। संसद द्वारा निर्वाचित होने के बाद सोमवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले किशिदा ने कहा कि बाइडन ने जापान नियंत्रित पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू द्वीप की रक्षा करने का भरोसा दिया है। चीन इस द्वीप पर दावा करता है और उसने क्षेत्र में अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। खास बात यह है कि दोनों नेताओं के बीच यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब चीनी वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने ताइवान सीमा का अतिक्रमण किया है।

loksabha election banner

बाइडन ने सेनकाकू समेत जापान की सुरक्षा का वादा किया

किशिदा ने कहा कि बाइडन ने सेनकाकू समेत जापान की सुरक्षा का वादा किया है।' बतौर प्रधानमंत्री पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति से बात करने वाले किशिदा ने बताया कि दोनों देश चीन और उत्तर कोरिया मिल रहीं चुनौतियों का मिलकर सामना करेंगे। उन्होंने जापान की मिसाइल और नौसेना क्षमता को मजबूत करने की भी वकालत की है। किशिदा चीन और परमाणु संपन्न उत्तर कोरिया का मुकाबला करने के लिए मजबूत जापान-अमेरिका सुरक्षा संबंधों के पक्षधर हैं।

जापान और अमेरिका की सुरक्षा संधि

वर्ष 1960 में जापान और अमेरिका के बीच हुई पारस्परिक सहयोग एवं सुरक्षा संधि हुई थी। इसके तहत अमेरिका ने जापान को यह भरोसा दिया है कि अमेरिका, जापानी बलों या क्षेत्र पर किसी बाहरी शक्ति द्वारा किये गए हमले की स्थिति में जापान की सहायता करेगा। हाल ही में अमेरिका ने जापान के दावाकृत क्षेत्र में चीन की उपस्थिति की आलोचना की थी, क्योंकि चीन के जहाज बार-बार सेनकाकू द्वीप के निकट जापानी क्षेत्रीय जल में अवैध रूप से प्रवेश कर रहे थे। बता दें कि चीन लंबे समय से अमेरिका पर शीत युद्ध की मानसिकता बनाए रखने का आरोप लगाता रहा है। चीन का मानना है कि इसी मानसिकता के कारण अमेरिका, जापान को चीन के खिलाफ अपने गुट में शामिल करने की कोशिश करता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.