Move to Jagran APP

Japan में बढ़े आत्महत्या के मामले, महिलाओं ने की सबसे ज्यादा खुदकुशी

Japans Suicide Rate Increase जापान में आत्महत्या के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। एक अध्ययन में पाया गया है कि मार्च 2020 और जून 2022 के बीच जापान में 8 हजार से अधिक आत्महत्याएं हुईं हैं।

By Mahen KhannaEdited By: Published: Thu, 18 Aug 2022 09:10 AM (IST)Updated: Thu, 18 Aug 2022 09:10 AM (IST)
Japan में बढ़े आत्महत्या के मामले, महिलाओं ने की सबसे ज्यादा खुदकुशी
जापान में आत्महत्या के मामलों में इजाफा हुआ।

टोक्यो, एजेंसी: जापान (Japans Suicide Rate Increase) में एकदम से आत्महत्या के मामलों में इजाफा देखने को मिला है। आत्महत्या में बढ़ोतरी का कारण भी हैरान कर देने वाला है। एक नए अध्ययन में पाया गया है कि मार्च 2020 और जून 2022 के बीच कोविड-19 (Covid-19) महामारी के कारण जापान में 8,000 से अधिक आत्महत्याएं हुईं। यह जानकारी समाचार एजेंसी क्योडो ने दी। शोधकर्ताओं के एक समूह ने पिछले रुझानों के आधार पर आत्महत्या की अपेक्षित संख्या की तुलना दी गई अवधि में आत्महत्या से होने वाली मौतों की वास्तविक संख्या से की। टीम ने निष्कर्ष निकाला कि कोरोना के चलते लगाई गईं पाबंदियों के चलते आत्महत्या में इजाफा हुआ है।

loksabha election banner

महिलाओं ने की सबसे ज्यादा आत्महत्या

शोध में पाया गया कि सबसे अधिक लोग जिन्होंने आत्महत्या की उनकी उम्र 20 तक थी और उनमें से भी महिलाओं की संख्या काफी ज्यादा पाई गई। शोध में कहा गया है कि इस महामारी के कारण 20 साल की उम्र में 1,837 लोगों ने आत्महत्या की, जबकि उनमें से 1,092 महिलाएं थीं। 19 वर्ष और उससे कम उम्र की 377 महिलाओं में से 282 ने महामारी के चलते आत्महत्या करने का फैसला किया था।

कोरोना काल में आर्थिक हालात हुए खराब

शोधकर्ताओं ने बताया कि महिलाओं की आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण गैर-नियमित नौकरियां रहीं। इसके चलते आर्थिक रूप से अधिक प्रभावित होती हैं। शोधकर्ताओं में से एक, ओसाका विश्वविद्यालय के सहयोगी प्रोफेसर टोक्यो ताईसुके नाकाटा ने बताया कि युवा लोगों को इस दौरान व्यवहार संबंधी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा जिसके चलते कई बच्चों ने ऐसा कदम उठाया।

सरकार को नीतियों में बदलाव का सुझाव

समाचार एजेंसी ने कहा कि जापान में बढ़ती आत्महत्या दर के पीछे आर्थिक कठिनाइयों को प्रमुख कारण माना जाता है, क्योंकि बेरोजगारी बढ़ने पर आत्महत्या की मृत्यु दर बढ़ जाती है। ओसाका विश्वविद्यालय में विशेष रूप से नियुक्त प्रोफेसर फ्यूमियो ओटेक ने सरकार से आत्महत्या की संख्या जैसे आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए अपनी नीति में बदलाव करने का आह्वान किया।

आइसोलेशन की अवधि को घटाने की सिफारिश

बता दें कि COVID-19 उपायों पर सरकार के पैनल के सदस्य ओटेक ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों को रोकने के फैसले पर भी हमें सोचना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिबंध कई जोखिमों को बढ़ाते हैं। ओटेक ने कहा कि सामाजिक आर्थिक गतिविधियों को जारी रखने के लिए संक्रमित रोगियों के लिए आइसोलेशन की अवधि को छोटा करने जैसे उपायों को लाना आवश्यक है। गौरतलब है कि जापान में आत्महत्याएं 2010 के बाद से सालाना दर से कम हो रही हैं। लेकिन, सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2020 में गिरावट की प्रवृत्ति उलट गई और 2021 में भी यह जारी रही।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.