Move to Jagran APP

जापानी लड़कियों की लाइफ से दूर हो रहा LOVE, जानिए क्‍या है वजह

जापान की सरकार ने भी लड़कियों के मोहब्‍बत करने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। लेकिन इसके बावजूद लड़कियों के दिलों से प्‍यार का राग सुनाई ही नहीं देता।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 04 Dec 2017 01:44 PM (IST)Updated: Mon, 04 Dec 2017 03:09 PM (IST)
जापानी लड़कियों की लाइफ से दूर हो रहा LOVE, जानिए क्‍या है वजह
जापानी लड़कियों की लाइफ से दूर हो रहा LOVE, जानिए क्‍या है वजह

टोक्‍यो, आइएएनएस। जापान की आधी से ज्‍यादा लड़कियां, जिनकी उम्र किसी के प्‍यार में गिरफ्तार होने की है, वे मोहब्‍बत करने की इच्‍छुक नहीं हैं। ऐसा नहीं है कि इन लड़कियों के दिल में प्‍यार के अंकुर नहीं फूटते, ये लड़कियां किसी खौफ के साए में भी नहीं हैं। जापान की सरकार ने भी लड़कियों के मोहब्‍बत करने पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है। लेकिन इसके बावजूद लड़कियों के दिलों से प्‍यार का राग सुनाई ही नहीं देता।

loksabha election banner

दरअसल, जापान की महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं। यही वजह है कि यहां काम का जितना बोझ पुरुषों पर होता है, उतना ही महिलाओं पर भी होता है। हाल ही में जापान की महिलाओं पर हुए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि काम के बोझ के कारण लगभग 60 फीसद लड़कियां जिनकी उम्र प्‍यार करने की है, वे प्‍यार करने की इच्‍छुक ही नहीं हैं।

सर्वे बताता है कि जापानी महिलाओं पर भी वर्कलोड इतना ज्‍यादा है कि वे नौकरी से लौटने के बाद बेहद थक जाती हैं। ऐसे में वे किसी के साथ रोमांटिक डेट पर जाने की बजाए, घर के आरामदायक सोफे पर बेठकर टीवी सीरियल देखना ज्‍यादा पसंद करती हैं। हालांकि महिलाओं के लिए ये हालात अच्‍छे नहीं कहे जा सकते। सर्वे में सामने आया है कि ऑफिस में प्‍यार करना अब आकर्षक नहीं रहा है। ब्‍लाइंड डेट्स को तनावपूर्ण और थकाऊ माना जाता है, जिससे शायद ही कभी संतोषजनक परिणाम मिलते हों।

सर्वे के मुताबिक, काम से होने वाली थकावट के कारण चार महिलाओं में से सिर्फ एक की रिलेशनशिप में जा पाती है। एक ऑनलाइन डेटिंग साइट ने कहा है कि ऐसी लड़कियों की संख्‍या बढ़ती जा रही है, जो डेट पर जाना छोड़ रही हैं। ऐसी लड़कियों का मानना है कि ऐसा करना समय की बर्बादी है। हालांकि 1980 के दशक में जापान में 60 प्रतिशत से अधिक युवा (जिनकी उम्र 20 साल के आसपास थी) रिलेशनशिप में रहते थे, जबकि आज ऐसे लोगों की संख्‍या बेहद घट गई है। यह समूह अल्पसंख्यक में है।

जानकार कहते हैं कि अगर जापान में काम के घंटे घटा दिए जाएं। मैटरनिटी लीव की गारंटी हो, ऑफिस का माहौल तानवपूर्ण ना हो, तो महिलाओं के दिलों में एक बार फिर प्‍यार के फूल खिल सकते हैं।

यह भी पढ़ें: आसानी से मिलेगा जापान का वीजा, 1 जनवरी से बदलेंगे नियम


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.