CO2 बनाया जाएगा उपयोगी ईंधन, जापान-अमेरिका में होगी डील
कार्बन डाई ऑक्साइड को रिसाइकिल कर दोबारा इसे उपयोगी बनाने के क्रम में जापान और अमेरिका के बीच एक डील होने वाली है। इस डील के तहत दोनों देश अपने विकास और तकनीकी प्रगति के साथ-साथ अपने शोध के परिणामों को साझा करेंगे।
टोक्यो, आइएएनएस। कार्बन डाई ऑक्साइड को रिसाइक्लिंग प्रक्रिया के जरिए उपयोगी ईंधन में बदलने के लिए जापान (Japan) और अमेरिका (US) के बीच मंगलवार को करार होने की उम्मीद है। जापान के आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्रालय और अमेरिका के ऊर्जा विभाग के बीच कार्बन रिसाइक्लिंग पर वर्चुअली अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के साथ-साथ इस समझौते पर दोनों देशों के बीच डील होनी है।
अधिकारियों के अनुसार, इस संयुक्त समझौते के तहत दोनों देश अपने विकास और तकनीकी प्रगति के साथ-साथ अपने शोध के परिणामों को साझा करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि कर्मियों के आदान-प्रदान को इस परियोजना में शामिल किया जा सकता है ताकि इसके दायरे, विकास और प्रगति की गति में योगदान हो सके। कार्बनरिसाइक्लिंग प्रौद्योगिकी कई संभावित उद्देश्यों को प्रस्तावित करती है, जिसमें जेट विमानों के लिए ईंधन का उत्पादन और कंक्रीट सड़क ब्लॉकों के निर्माण भी शामिल हैं।
कोविड-19 महामारी के चलते लगाए गए विभिन्न प्रतिबंधों के बावजूद वायुमंडल में ‘कार्बन डाई ऑक्साइड’ सांद्रण की स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है। यह बात एक अध्ययन में कही गई है। जर्मनी स्थित कार्लस्रुहे इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (केआईटी) के वैज्ञानिकों ने अध्ययन के बाद कहा कि हालांकि, 2020 के लिए कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में आठ फीसद तक की कमी अनुमानित की गई है, लेकिन वायुमंडल में इस ग्रीनहाउस गैस के सांद्रण में अब तक कोई बदलाव नहीं आया है।
पत्रिका ‘रिमोट सेंसिंग’ में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कोविड-19 महामारी की वजह से लोग घर से काम कर रहे हैं जिससे यातायात के साधनों पर कुछ विराम लगा है और ‘कार्बन डाई ऑक्साइड’ के उत्सर्जन की मात्रा में कमी हो रही है, लेकिन यह कमी अपर्याप्त है। अध्ययन रिपोर्ट के सह-लेखक राल्फ सुसमैन ने कहा, ‘वायुमंडल में दीर्घकाल के लिए कार्बन डाईऑक्साइड सांद्रण में कमी लाने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान लगाए गए प्रतिबंधों को दशकों तक जारी रखने की आवश्यकता होगी।’