हिरोशिमा परमाणु हमले की 73वीं बरसी आज, दुनियाभर से परमाणु हथियारों के उन्मूलन की अपील
मानव जाति पर हुए परमाणु हमले की सबसे बड़ी त्रासदी में हिरोशिमा में जहां 140,000 लोग मारे गए थे वहीं नागासाकी में 74,000 लोगों को जान गंवानी पड़ी थी।
टोक्यो (एएफपी)। जापान के लिए आज का दिन कभी ना भुलाया जाने वाला दिन है। जापान के हिरोशिमा में आज ही के दिन परमाणु हमला किया गया था, जिसमें 1 लाख 40 हजार लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी। इस हमले की आज 73वीं बरसी है। इस मौके पर हिरोशिमा में एक कार्यक्रम आयोजित कर उस काले दिन को याद किया गया। कार्यक्रम को शहर के मेयर ने संबोधित किया और दुनियाभर के देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि चारों तरफ फैल रहा राष्ट्रवाद आज वैश्विक शांति के लिए बड़ा खतरा है। वार्षिक समारोह को संबोधित करते हुए शहर के मेयर काजुमी मात्सुई ने कहा कि आज शांति के लिए विश्व को बिना परमाणु हथियारों के आगे बढ़ने की जरूरत है।
हिरोशिमा के 'पीस मेमोरियल पार्क' के ऊपर आसमान आज भी वैसे ही शांत है, जैसे 6 अगस्त 1945 को हमले वाले दिन था। इस दिन अमेरिका ने हिरोशिमा के ऊपर विनाशक B-29 परमाणु बम से सैन्य ठिकाने पर हमले किए थे, जिसमें करीब-करीब 140,000 लोग मारे गए थे। किसी देश का उल्लेख किए बिना मेयर मात्सुई ने कहा कि कुछ देशों ने स्वयं को स्वघोषित राष्ट्रवादी करार दे दिया है और इसकी आड़ में परमाणु हथियारों का विकास करते जा रहे हैं। शीत युद्ध खत्म होने के साथ ही ये सिलसिला लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने इसी साल डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा अमेरिकी परमाणु शक्तियों को बढ़ाने के फैसले का उल्लेख करते हुए कहा कि दुनिया भर में आज परमाणु हथियारों के उन्मूलन की जरूरत है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर इतिहास को भुला दिया गया है तो मानव जाति को एक और ऐसे ही बड़े खतरे का सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि हम हिरोशिमा के बारे में बात करना जारी रखना चाहते हैं। इस दौरान उन्होंने परमाणु हथियारों पर जापान के विरोधाभासी स्टैंड का भी जिक्र किया। आपको बता दें कि जापानी अधिकारियों ने कहा है कि वे परमाणु हथियारों का विरोध करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ देश की रक्षा व्यवस्था अमेरिकी परमाणु शक्तियों पर निर्भर है।
प्रधानमंत्री शिंजो एबी जिन्होंने परमाणु हथियारों के निषेध पर संयुक्त राष्ट्र की संधि में भाग लेने से मना कर दिया था, ने एक कार्यक्रम में कहा कि परमाणु देशों और गैर-परमाणु देशों के बीच जापान एक ब्रिज का काम कर रहा है। अपने गैर परमाणु सिद्धांतों पर कायम रहते हुए हम परमाणु हथियारों के खात्मे के वैश्विक प्रयास में शामिल हैं।
बता दें कि जापान में द्वितीय विश्व युद्ध के समाप्ति के समय दो बार अमेरिका की तरफ से परमाणु हमले किए गए थे। पहली हिरोशिमा में और उसके तीन ही दिन बाद नागासाकी में। मानव जाति पर हुए इस सबसे बड़ी त्रासदी में हिरोशिमा में जहां 140,000 लोग मारे गए थे वहीं नागासाकी में 74,000 लोगों की जान गई थी। अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर बराक ओबामा मई 2016 में हिरोशिमा का दौरा करने वाले पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बने।