जापान में सुषमा ने की पीएम शिंजो आबे से मुलाकात, आतंकवाद पर हुई चर्चा
दोनों देशों ने आतंकवाद के बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति का एलान किया।
टोक्यो, प्रेट्र। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे से मुलाकात की है। सुषमा इन दिनों जापान में हैं और यहां पर वह नौंवी भारत-जापान कूटनीतिक वार्ता में हिस्सा लेने के लिए आई हैं। इससे पहले सुषमा ने गुरुवार को जापान के विदेश मंत्री टारो कोनो से मुलाकात की थी। सुषमा ने उनसे मुलाकात के बाद कहा था कि जापान और भारत दोनों ही देश आतंकवाद के खात्मे के लिए संयुक्त रूप से काम करने को तैयार हैं। अपने जापानी समकक्ष तारो कोनो के साथ द्विपक्षीय संबंधों पर बात की। वार्ता में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई। दोनों देशों ने आतंकवाद के बिल्कुल बर्दाश्त न करने की नीति का एलान किया।
आतंकवाद की सुरक्षित पनाहगाहों को खत्म करने का संकल्प जताया। दोनों ही पक्षों ने वार्ता को बेहद सफल करार दिया है। सुषमा तीन दिनों के जापान दौरे पर आई हुई हैं। विदेश मंत्री के रूप में यह उनकी पहली जापान यात्रा है। भारत और जापान के बीच नौवें दौर की रणनीतिक वार्ता में भाग लेने के सिलसिले में टोक्यो पहुंचीं सुषमा स्वराज ने बताया कि जापानी विदेश मंत्री कोनो के साथ उनकी आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा हुई। उन्होंने जापान को भारत का नैसर्गिक दोस्त बताया। कहा, हमारे बीच सहयोगी की व्यापक संभावनाएं हैं। हम आर्थिक, तकनीक और मानव संसाधन को लेकर सहयोग कर रहे हैं। हम आपसी हितों के कार्यो को और बढ़ावा दे सकते हैं।
जापान भारत में विकास की कई बड़ी योजनाओं को अंजाम दे रहा है। इनमें बड़ी बुनियादी संरचनाएं शामिल हैं। इनके अतिरिक्त स्मार्ट सिटी, डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया और अन्य बड़ी परियोजनाओं में शामिल होने के लिए हम जापान का आह्वान करते हैं। सुषमा स्वराज ने कहा कि हाई स्पीड रेल प्रोजेक्ट पर दोनों देश बहुत तेजी से कार्य कर रहे हैं।
सूचना और संचार तकनीक, अंतरिक्ष विज्ञान, स्वास्थ्य सेवाओं और खाद्य प्रसंस्करण में हमारा सहयोग बढ़ रहा है। हम दक्षता विकास पर भी मिलकर कार्य कर रहे हैं। भारत में जापानी भाषा सिखाने की व्यवस्था की जा रही है जिससे भारतीय पेशेवरों के जापान में आकर काम करने की संभावनाएं बढ़ सकें। उल्लेखनीय है कि दोनों देशों के बीच खास तरह का रणनीतिक और अंतरराष्ट्रीय सहयोग समझौता है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में हुए जापान दौरे के समय हुआ था।