12 वर्षीय आर्या को दुनिया के सबसे मोटे बच्चे के खिताब से मिला छुटकारा, जानिए इसकी कहानी
इंडोनेशिया में 190 किलोग्राम के सबसे वजनी बच्चे ने 83 किलो का वजन कम करके 'वर्ल्ड फैटेस्ट बॉय' टाइटल से छुटकारा पा लिया है। अब वह 50 किलो और अपना वजन कम करना चाहता है।
जकार्ता (एजेंसी)। दुनिया के सबसे वजनी बच्चे का तमगा हासिल कर चुके 12 वर्षीय आर्या परमान ने 190 किलो से 83 किलो वजन घटाकर इस टाइटल से छुटकारा पा लिया है। इस लड़के को इंडोनेशियन वर्ल्ड रिकॉर्ड्स म्यूजियम के द्वारा सबसे वजनी लड़के के रुप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया गया था। आर्या ने अपना वजन घटाने के लिए काफी संघर्ष किया। इस दौरान वह मात्र 10 कदम चलने के बाद थक जाता था। उसे सोने में और बैठने में भी काफी दिक्कत होती थी, उसके दोस्त उसके साथ रहना पसंद नहीं करते थे।
लेकिन जैसे-जैसे उसका वजन कम हो रहा है, वह इंडोनेशिया मीडिया का चहेता बन चुका है। यहां तक कि इंडोनेशिया में बॉडी बिल्डिंग के फादर कहे जाने वाले अडे राय ने भी पांचवीं क्लास के इस बच्चे से उसका वजन कम करने के लिए प्रोत्साहित किया। आर्या पिछले अप्रैल में जकार्ता में बंटेन प्रांत के एक अस्पताल में इलाज करवा कर अब अपना 83 किलो वजन कम कर चुका है।
आर्या ने बताया- बैरीयाट्रिक सर्जरी के बाद मेरा वजन काफी तेजी से घटा है। वे मुझे अधिक से अधिक फल खाने को और नियमित रुप से व्यायाम करने को कहते हैं। एक डॉक्टर और डायटीशियन अब भी लगातार मुझ पर नजर रखे हुए हैं और मुझे स्ट्रिक्ट डाइट की सलाह दे रहे हैं। आर्या ने बताया कि वे मुझे मीठा खाने और पीने को मना करते हैं खासकर वे मुझे सॉफ्ट ड्रिंक्स पीने से मना करते हैं।
आर्या 50 किलो और अपना वजन कम करना चाहता है और इस काम में उसके पेरेंट्स और उसके रिश्तेदार उसे मदद कर रहे हैं। आर्या ने बताया- मैं अब फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन खेल सकता हूं, सबसे खास बात ये है कि मैं अब रोज स्कूल जा सकता हूं।
बता दें कि इंडोनेशिया में बच्चों के मोटापे की समस्या काफी गंभीर है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के अनुसार, इंडोनेशिया दुनिया में उन देशों की सूची में शीर्ष पर है जहां बच्चों में मोटापे की समस्या पायी जाती है। 2013 में डब्ल्यूएचओ ने पाया था कि इंडोनेशिया में 12 फीसद बच्चे मोटापे की समस्या से ग्रसित हैं।
जकार्ता के एक डॉक्टर का कहना है कि अनहेल्दी लाइफस्टाइल के कारण ही बच्चों में मोटापे की समस्या आ रही है। अर्थव्यवस्था में सुधार ने लोगों में खरीदने की क्षमता को बढ़ाया है इसलिए ऐसे में पेरेंट्स बच्चों के जिद की हर तरह की खाने की चीजें खरीद कर देने में सक्षम हैं।
WHO ने बताया कि पेरेंट्स को बच्चों के मोटापे को नियंत्रित करने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए। उन्होंने लोगों से यह भी आग्रह किया कि वे ऐसा नहीं मानें कि मोटे बच्चे स्वस्थ और अच्छे होते हैं। पूर्व में काफी लोगों ने माना है कि मोटे बच्चे स्वस्थ औऱ क्यूट होते हैं। लेकिन आज मोटापे का अर्थ ओवरवेट होना होता है और यह दिल की बीमारी का मुख्य कारण बन सकता है। इंडोनेशिया के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इंडोनेशिया के एक तिहाई से अधिक एडल्ट बच्चे मोटापे से ग्रसित हैं।