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इंडोनेशिया में जारी 'नए श्रम कानून' के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन, कहा- श्रम अधिकारों को करेगा नष्ट

इंडोनेशिया में नए श्रम कानून के खिलाफ पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन जारी है। सोमवार को भी हजारों प्रदर्शनकारियों ने नए जॉब कानून (New Jobs law ) के खिलाफ विरोध किया। प्रदर्शनकारियों इसे श्रम अधिकारों के खिलाफ बताया।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 01:27 PM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 01:27 PM (IST)
इंडोनेशिया में जारी 'नए श्रम कानून' के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन, कहा- श्रम अधिकारों को करेगा नष्ट
इंडोनेशिया में जारी 'नए श्रम कानून' के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन, कहा- श्रम अधिकारों को करेगा नष्ट।

जकार्ता, एपी। इंडोनेशिया में नए श्रम कानून के खिलाफ पिछले महीने से विरोध प्रदर्शन जारी है। सोमवार को भी हजारों प्रदर्शनकारियों ने नए जॉब कानून (New Jobs law ) के खिलाफ विरोध किया। इस कानून की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह कानून यह श्रम अधिकारों को नष्ट करेगा और पर्यावरण संरक्षण को कमजोर करेगा।

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कन्फेडरेशन ऑफ इंडोनेशियाई ट्रेड यूनियनों (KSPI) ने बताया कि हजारों संख्या में पश्चिम जावा और पूर्वी जावा प्रांतों में 32 श्रमिक संघों के हजारों कार्यकर्ता जकार्ता में राष्ट्रपति पैलेस और संवैधानिक न्यायालय के पास बड़े पैमाने पर रैलियों में भाग लिया।  उन्होंने बताया कि यह विरोध प्रदर्शन देश योग्याकार्ता, बंदा ऐश, मेदान और मकासर में भी होना था।

जॉब क्रिएशन लॉ को खत्म करने की मांग

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि जॉब क्रिएशन लॉ (Job Creation Law) को खत्म किया जाए और 2021 में न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी की जाए। श्रमिक संघ के अध्यक्ष इकबाल ने बताया कि वह इन मांगों के साथ-साथ इस कानून की संवैधानिक कोर्ट से न्यायिक समीक्षा करने की भी मांग करेंगे।

बता दें कि इस कानून को संसद से 5 अक्टूबर को पास किया गया था। इसके बाद इंडोनेशिया की श्रम प्रणाली और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में काफी बदलाव आने की उम्मीद है।

इससे पहले 9 अक्टूबर को हुआ था प्रदर्शन

इससे पहले 9 अक्टूबर को भी इंडोनेशिया में  श्रम कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे। कई इंडोनेशियाई शहरों में इस कानून से खफा हजारों छात्रों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया था छात्रों और श्रमिकों का मानना है कि इस नए कानून से मजूदरों के अधिकारों का हनन होगा यही नहीं इससे हमारे पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचेगा।  जकार्ता के राष्ट्रपति के महल के पास पत्थर फेंकने वाले प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें भी इस दौरान हुई थी। बता दें कि इस घटना के दौरान राष्ट्रपति भवन में मौजूद नहीं थे। उस जोको विडोडो (President Joko)मध्य कालीमंतन प्रांत (Central Kalimantan province) के दौरे पर थे।


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