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इंडोनेशियाई सागर में बचाए गए रोहिंग्‍या शरणार्थी, नौका से जा रहे थे मलेशिया

म्‍यांमार से मलेशिया के लिए रवाना हुई नौका में सवार रोहिंग्‍या समुदाय के नागरिकों को समुद्र की लहरों से जूझना पड़ा।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 21 Apr 2018 12:38 PM (IST)Updated: Sat, 21 Apr 2018 12:38 PM (IST)
इंडोनेशियाई सागर में बचाए गए रोहिंग्‍या शरणार्थी, नौका से जा रहे थे मलेशिया
इंडोनेशियाई सागर में बचाए गए रोहिंग्‍या शरणार्थी, नौका से जा रहे थे मलेशिया

बिरेउएन (इंडोनेशिया) (एपी)। इंडोनेशियाई समुद्र से बचाए गए 76 रोहिंग्‍या मुसलमानों में से एक ने बताया कि नौ दिनों तक वे समुद्र में थे, जहां उन्‍हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। ये सब मलेशिया पहुंचने की उम्‍मीद कर रहे हैं।

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इस माह म्‍यांमार से निकलने वाले अल्‍पसंख्‍यकों का यह तीसरा समूह है। सुमात्रा द्वीप पर एकेह प्रांत में शुक्रवार दोपहर को 43 पुरुष, 25 महिलाएं और आठ बच्‍चे लाए गए। स्‍थानीय अधिकारियों ने कहा कि इनमें से अनेकों को इलाज की जरूरत है।

फारिक मोहम्‍मद ने बताया कि म्‍यांमार के रखाइन से निकलने वाले नौका में जगह पाने के लिए उन्‍होंने 150 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था। अप्रैल में, म्‍यांमार को छोड़ समुद्र के रास्‍ते दूसरी जगहों पर रोहिंग्‍या समुदाय के जाने की तादाद में वृद्धि हुई है। इंडोनेशियाई फिशिंग बोट ने 6 अप्रैल को पांच रोहिंग्‍याओं के एक ग्रुप को बचाया था जिनके हालात काफी दयनीय थे। ये 20 दिनों से समुद्र में थे, इस दौरान इनके पांच साथियों की मौत हो गयी थी।

संयुक्‍त राष्‍ट्र के अनुसार, पिछले साल के अगस्‍त माह में क्रूर सैन्‍य हमले के बाद करीब 700,000 रोहिंग्‍या मुस्‍लिम पड़ोसी देश बांग्‍लादेश चले गए। अमेरिका व संयुक्‍त राष्‍ट्र ने इसका उल्‍लेख जातीय संहार के तौर पर किया है।


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