Move to Jagran APP

इंडोनेशिया में अब रिन्‍यूएबल की राह में नहीं हैं पहले जैसी मुश्किलें

पहले इंडोनेशियाई के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वाणिज्यिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाने और चलाने की संभावनाएं बेहद निराशाजनक थीं। मगर अब ऐसा नहीं है।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Tue, 13 Feb 2018 01:06 PM (IST)Updated: Tue, 13 Feb 2018 01:19 PM (IST)
इंडोनेशिया में अब रिन्‍यूएबल की राह में नहीं हैं पहले जैसी मुश्किलें
इंडोनेशिया में अब रिन्‍यूएबल की राह में नहीं हैं पहले जैसी मुश्किलें

जकार्ता, रायटर्स। इंडोनेशिया के पहले कमर्शियल विंड फाॅर्म के डेवलपर का कहना है कि नवीनीकरण ऊर्जा के निवेशकों के लिए पहले की तुलना में अब बेहतर स्थितियां हैं, मगर अपने पवन ऊर्जा लक्ष्‍य को पूरा करने को लेकर देश के लिए अभी बहुत काम करने की जरूरत है।

loksabha election banner

यूपीसी रिन्‍यूएबल्‍स इंडोनेशिया के प्रोजेक्‍ट डेवलपमेंट मैनेजर सोरिपनो मार्टोसापुत्रो ने कहा कि पहले इंडोनेशियाई के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वाणिज्यिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाने और चलाने की संभावनाएं बेहद निराशाजनक थीं, क्‍योंकि सरकार और राज्‍य की बिजली वितरण कंपनी की विशेषज्ञता की कमी थी। मगर पिछले तीन सालों में तकनीक की कीमतों में कमी आई है और सरकार ज्‍यादा सहयोगी बनी है।

गौरतलब है कि यूपीसी सुलावेसी द्वीप पर द्वीप समूह का पहला विंड फॉर्म विकसित कर रही है। सोरिपनो ने कहा कि अगले महीने से यह साइट संचालित हो जाएगी। उन्‍होंने यह भी कहा कि पहले एक पावर परचेज एग्रीमेंट के लिए कड़ी मशक्‍कत करनी पड़ती थी। पहले स्थिति ऐसी थी कि लो या छोड़ दो। मगर अब इस पर बातचीत होती हैं। संभावनाएं तलाशी जाती हैं। पहले से बहुत ज्‍यादा बेहतर चीजें हो गई हैं।

ऑनलाइन लाइसेंसिंग सिस्‍टम ने प्रोसेस टाइमिंग को बहुत कम कर दिया है। पारदर्शिता में सुधार आया है और जिन रिन्‍यूएबल एनर्जी डेवलपर्स को विंड फार्म के लिए सैकड़ों परमिट की जरूरत पड़ती है, उनके लिए सारी चीजें बेहद आसान हो गई हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.