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इंडोनेशियाई: सेना में भर्ती के लिए विवादास्पद ‘वर्जिनिटी टेस्ट’ अब और नहीं, मानवाधिकार समूहों ने भी किया था विरोध

इंडोनेशियाई सेना ने कैडेट के तौर पर आवेदन करने वाली महिलाओं के वर्जिनिटी टेस्ट की एक विवादास्पद प्रथा को समाप्त कर दिया है। देश के चीफ ऑफ स्टाफ के मुताबिक लंबे समय से इस प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था।

By Amit KumarEdited By: Published: Wed, 11 Aug 2021 07:39 PM (IST)Updated: Wed, 11 Aug 2021 07:39 PM (IST)
Indonesian army says has stopped virginity tests female cadets

जकार्ता, रॉयटर्स: इंडोनेशियाई सेना ने कैडेट के तौर पर आवेदन करने वाली महिलाओं के वर्जिनिटी टेस्ट की एक विवादास्पद प्रथा को समाप्त कर दिया है। देश के चीफ ऑफ स्टाफ के मुताबिक, लंबे समय से इस प्रथा के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा था। जिससे ध्यान में रखते वर्जिनिटी टेस्ट को समाप्त करने का फैसला लिया गया गया है।

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अपमानजनक और भेदभावपूर्ण प्रक्रिया

न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच (एचआरडब्लू) के अनुसार, महीलाओं का वर्जिनिटी टेस्ट करने के लिए डॉक्टर द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाला तरीका, बहुत ही अपमानजनक और शर्मनाक है। इस प्रक्रिया से 2014-15 में जांचे हुई थीं और 2017 के बाद से लगातार इसका विरोध किया जा रहा था। वहीं, पूर्व में सेना द्वारा दिए गए एक बयान के मुताबिक, यह टेस्ट कैडेटों की नैतिकता निर्धारित करने के नजरिए से परीक्षण महत्वपूर्ण थे। मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, इस संबंध में कोई वैज्ञानिक वैधता नहीं है।

वर्जिनिटी टेस्ट की मान्यता समाप्त

मंगलवार को इंडोनेशियाई सेना प्रमुख एंडिका पेरकासा ने संवाददाताओं से बातचीत में बताया है कि, सेना में अब इस तरह के टेस्ट नहीं होते हैं। उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि पुरुष और महिला रंगरूटों के लिए सेना की चयन प्रक्रिया समान होनी चाहिए। वहीं, एक सैन्य प्रवक्ता ने भी सेना प्रमुख के बयान की पुष्टी करत हुए कहा है कि, इस तरह की प्रथाएं अब परीक्षण का हिस्सा नहीं हैं। देश की नौसेना और वायु सेना ने भी भर्ती प्रक्रिया में किसी भी तरह से वर्जिनिटी टेस्ट का खंडन किया है। नौसेना के प्रवक्ता जूलियस विडजोजोनो ने बुधवार को बताया कि, महिला आवेदकों का गर्भावस्था परीक्षण किया गया है, लेकिन कोई विशिष्ट कौमार्य परीक्षण नहीं हुआ है। पुरुष और महिलाओं का समान रूप से परीक्षण हुआ है। मामले में वायु सेना के प्रवक्ता इंदन गिलांग ने बताया कि, महिला प्रजनन परीक्षण सिस्ट या अन्य जटिलताओं की जांच के लिए किए गए थे, लेकिन कौमार्य परीक्षण जैसा शब्द परीक्षण की लिस्ट में मौजूद नहीं है।

मानवाधिकार समूहों का समर्थन

विश्व के मानवाधिकार समूहों ने सेना द्वारा की गई, वर्जिनिटी टेस्ट को समाप्त करने की घोषणा का स्वागत किया है। एचआरडब्ल्यू में इंडोनेशिया के शोधकर्ता एंड्रियास हार्सोनो ने कहा कि, सेना द्वारा उठाया गया यह कदम बिल्कुल सही है। इस प्रथा के चलते महिलाओं को अपमान, भेदभावपूर्ण और दर्दनाक प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था।


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