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हांगकांग में मेट्रो स्‍टेशन पर भीषण तोड़फोड़, शिन्हुआ का दफ्तर भी हुआ बर्बाद

सेंट्रल हांगकांग में स्थित एक मेट्रो स्टेशन तोड़फोड़ के बाद आग के हवाले कर दिया गया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के हांगकांग स्थित कार्यालय में भारी तोड़फोड़ की गई।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sat, 02 Nov 2019 09:11 PM (IST)Updated: Sat, 02 Nov 2019 09:11 PM (IST)
हांगकांग में मेट्रो स्‍टेशन पर भीषण तोड़फोड़, शिन्हुआ का दफ्तर भी हुआ बर्बाद
हांगकांग में मेट्रो स्‍टेशन पर भीषण तोड़फोड़, शिन्हुआ का दफ्तर भी हुआ बर्बाद

हांगकांग, रायटर। सप्ताहांत पर हांगकांग एक बार फिर हिंसक आंदोलन से प्रताड़ि‍त हुआ। जैसे-जैसे शाम गहराई सड़कों पर प्रदर्शनकारियों की संख्या और उनकी गतिविधियां बढ़ती चली गईं। इस दौरान सेंट्रल हांगकांग में स्थित एक मेट्रो स्टेशन तोड़फोड़ के बाद आग के हवाले कर दिया गया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के हांगकांग स्थित कार्यालय में भारी तोड़फोड़ की गई। दफ्तरों-कारोबार से वापस लौट रहे लाखों लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा और वे घंटों के विलंब से अपने घर पहुंचे।

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शनिवार को हजारों युवा बिना अनुमति के मध्य हांगकांग स्थित पार्क में एकत्रित हुए। पुलिस ने जैसे ही उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की, टकराव शुरू हो गया। पार्क से निकले आंदोलनकारी युवा नजदीक के सेंट्रल बिजनेस डिस्टि्रक्ट में फैल गए और तोड़फोड़ करने लगे। इलाके के मेट्रो स्टेशन में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी गई जबकि कई बैंकों की इमारतों और बड़ी ज्वैलरी शॉप तहस-नहस कर दी गईं। पुलिस ने आंदोलनकारियों को काबू में करने के लिए रबर बुलेट और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल किया लेकिन उसे पर्याप्त सफलता नहीं मिल पाई। काली पोशाक पहने और फेस मास्क लगाए आंदोलनकारी अंधेरे में जहां-तहां तोड़फोड़ कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते रहे।

उनके निशाने पर चीनी बैंक, चीन सरकार की संस्थाएं और चीनी लोगों के स्वामित्व वाले व्यापारिक प्रतिष्ठान भी रहे। कुछ घंटों की तोड़फोड़ और आगजनी के बाद हांगकांग के मध्य का जो नजारा था, उससे लग रहा था कि शनिवार और रविवार की रात हांगकांग की सबसे ज्यादा बर्बादी वाली रात बन सकती है। इससे पहले भी सप्ताहांत पर आंदोलन गति पकड़ता रहा है और कुछ घंटों बाद यह हिंसक रूप लेता रहा है।

पांच महीने से चल रहे लोकतंत्र की मांग वाले इस आंदोलन को अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल है। चीन की शक्तिशाली सरकार इस आंदोलन को दबाने के लिए कुछ खास नहीं कर पा रही है।


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