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आखिर चीन के इस जंगी जहाज से क्‍यों चिंतित है अमेरिका, जानें इसकी खतरनाक खूब‍ियां

ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक यह विमान युद्ध जैसी स्थितियों के लिए एक दम तैयार है। आखिर जे16 डी लड़ाकू विमान की क्‍या खासियत है। इस विमान से अमेरिका और भारत की चिंताए क्‍यों बढ़ गई है। इससे भारत और अमेरिका का सुरक्षा तंत्र कैसे प्रभावित होगा।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 09 Nov 2021 02:13 PM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 09:45 AM (IST)
आखिर चीन के इस जंगी जहाज से क्‍यों चिंतित है अमेरिका, जानें इसकी खतरनाक खूब‍ियां
आखिर चीन के इस जंगी जहाज से क्‍यों चिंतित हैं अमेरिका और भारत, जानें इसकी खतरनाक खूब‍ियां।

नई दिल्‍ली, आनलाइन डेस्‍क। चीन की सरकारी न्‍यूज वेबसाइट ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया है कि देश में एक लड़ाकू विमान जे-16 डी को असल युद्ध की स्थितियों का सामना करने के लिए रियल काम्‍बेट ट्रेनिंग पर भेज दिया है। इस विमान पर अमेरिका और भारत की पैनी नजर है। यह विमान चीन के जे-20 स्‍टेल्‍थ लड़ाकू विमान के साथ मैदान में उतरेगा। ग्‍लोबल टाइम्‍स के मुताबिक, यह विमान युद्ध जैसी स्थितियों के लिए एक दम तैयार है। आखिर जे16 डी लड़ाकू विमान की क्‍या खासियत है। इस विमान से अमेरिका और भारत की चिंताए क्‍यों बढ़ गई है। इससे भारत और अमेरिका का सुरक्षा तंत्र कैसे प्रभावित होगा।

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आखिर क्‍या है इस विमान की खूबियां

  • इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह दुश्मनों के रडार जाम कर सकता है। इस विमान में इलेक्ट्रानिक सर्विलांस, कम्युनिकेशन डिस्ट्रप्शन और रडार जाम करने वाले उपकरण लगे हुए हैं। इसके अलावा इसमें हवा से हवा में मार करने वाली कई आधुनिक मिसाइलें भी लगी हैं। यह कई तरह के आधुनिक उपकरणों की एक विस्तृत सीरीज को लेकर उड़ान भर सकता है।
  • इस लड़ाकू विमान के पंखों के नीचे छोटे उपकरण, जबकि बीच वाले हिस्से में भारी उपकरणों को लगाया जा सकता है। यह जंगी विमान वास्तविक युद्ध की स्थिति में अपने इलेक्ट्रानिक वारफेयर से दुश्मन में खलबली मचा सकता है। इससे दुश्मन के कम्युनिकेशन और सर्विलांस सिस्टम काम करना बंद कर सकते हैं। इसमें प्रयोग किए गए इलेक्ट्रानिक वारफेयर जेट दूसरे लड़ाकू विमानों के साथ जंग के मैदान में कहर बरपा सकता है।
  • चीनी वायु सेना का जे-16 डी विमान जे-20 के साथ मिलकर दुश्मन की सेना पर भारी पड़ेगा। एक लड़ाकू विमान दुश्मन के अर्ली वार्निंग सिस्टम को बंद कर देगा और रडार को जाम कर देगा, जबकि जे-20 खुद ही स्टील्थ तकनीक से लैस है। ऐसी स्थिति में वह दुश्मन के ऊपर सटीक हमला कर सकता है। ऐसे में दुश्मन को जवाबी कार्रवाई का मौका भी नहीं मिलेगा।
  • चीन ने हाल में ही इस लड़ाकू विमान को अपने एयरशो चाइना 2021 में प्रदर्शित किया था। उस वक्‍त चीन का यह विमान सुर्खियों में थो। अब चीन ने भारत से जारी तनाव के बीच अपने सबसे आधुनिक J-16D लड़ाकू विमान को युद्धाभ्यास में उतार दिया है। चीनी वायु सेना का जे -16 डी इलेक्ट्रानिक वारफेयर विमान युद्ध की ट्रेनिंग कर रहा है। चीन की योजना इस विमान को जंग के मैदान में उतारने की है।
  • यह विमान इलेक्ट्रानिक वारफेयर में माहिर बताया जा रहा है। चीन का इरादा जे-16 डी को जे-20 लड़ाकू विमान के साथ जंग के मैदान में उतारने का है। इलेक्ट्रानिक वारफेयर के लिए चीन ने इस लड़ाकू विमान को अपने पुराने जे-16 लड़ाकू विमान को अपग्रेड कर बनाया है। जे-16डी लड़ाकू विमान से चीनी वायु सेना की युद्धक क्षमताओं में काफी इजाफा होने की उम्मीद है।
  • यह लड़ाकू विमान एक ट्विन सीटर, ट्विन इंजन वाला हेवी फाइटर जेट है। चीन का दावा है कि उसने इस विमान को स्वदेशी तकनीक के आधार पर विकसित किया है। इसे मल्टीरोल फाइटर जेट के रूप में देखा जा रहा है। इसका इस्‍तेमाल हमलावर और रक्षात्मक दोनों तरह की भूमिकाओं में किया जा सकता है। इसमें चीन के दूसरे लड़ाकू विमानों की तुलना में फायर कंट्रोल सिस्टम, रडार और ऑपरेशन सिस्टम्स को उन्नत किया गया है। 

भारत और चीनी वायु सेना की क्‍या है तैयारी

1- भारत के पास लगभग 270 लड़ाकू विमान और 68 ग्राउंड अटैक फाइटर जेट हैं। वहीं, भारत ने पिछले कुछ दशकों में चीन से लगी सीमा पर कई हवाई पट्टियों का निर्माण किया है, जहां से ये फाइटर जेट आसानी से उड़ान भर सकते हैं। एक अध्‍ययन के मुताबिक चीन के पास 157 फाइटर जेट्स और एक छोटा ड्रोन का बेड़ा भी है। इस अध्‍ययन में बताया गया है कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स भारत से लगी सीमा क्षेत्र में आठ ठिकानों का उपयोग करती है, लेकिन इनमें से अधिकांश नागरिक हवाई क्षेत्र हैं।

2- इस अध्ययन में यह दावा किया गया है कि तिब्बत और शिनजियांग में चीनी हवाई ठिकानों की अधिक ऊंचाई, क्षेत्र में आम तौर पर कठिन भौगोलिक और मौसम की स्थिति के कारण चीनी लड़ाकू विमान अपने आधे पेलोड और ईंधन के साथ ही उड़ान भर सकते हैं। इस मामले में भारतीय वायु सेना की स्थिति काफी बेहतर है। भारतीय लड़ाकू विमान पूरी क्षमता के साथ हमला कर सकते हैं। चीन के एरियल रिफ्यूलिंग कैपसिटी मतलब हवा में ईंधन भरने की क्षमता भी कम है। उसके पास पर्याप्त संख्या में एरियल टैंकर नहीं हैं।


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