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US Capitol Riot News: अमेरिका के कैपिटल हिल की हिंसा पर चीनी जनता ने कसा तंज, कही यही बात

US Capitol Riot News अमेरिका में सत्ता के केंद्र कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों के हमले पर चीन ने तंज कसा है। अमेरिकी संसद में उन्मादियों के घुसने और वहां पर तोड़फोड़ करने को चीन ने कर्मों का फल बताया है।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Thu, 07 Jan 2021 10:50 PM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2021 10:59 PM (IST)
अमेरिका में सत्ता के केंद्र कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों के हमले पर चीन ने तंज कसा

 बीजिंग, प्रेट्र। अमेरिका में सत्ता के केंद्र कैपिटल हिल पर ट्रंप समर्थकों के हमले पर चीन ने तंज कसा है। अमेरिकी संसद में उन्मादियों के घुसने और वहां पर तोड़फोड़ करने को चीन ने कर्मों का फल बताया है। कैपिटल हिल पर हमले को वैसा ही बताया है जैसा कि 2019 में हांगकांग की विधानसभा इमारत में हुआ था। हांगकांग में लोकतंत्र समर्थकों ने अपनी मांग के समर्थन में उग्र प्रदर्शन किया था। चीन ने कहा है कि तब अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मीडिया ने चीन को निशाने पर लेते हुए प्रदर्शनकारियों का पक्ष लिया था। अमेरिकी संसद पर हमले की तस्वीरें आने के बाद ऑनलाइन मीडिया पर चीनी नागरिक खुशियां मनाते दिखे। 

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तंज कसा

अमेरिका इसी के लायक है। उसे अपने कर्मों का फल मिला है। कैपिटल हिल पर हमले की प्रतिक्रिया में चीन के विदेश विभाग की प्रवक्ता हुआ चुनिइंग ने कहा, हमने अमेरिका में हुई घटना को देखा है। उम्मीद है कि जल्द ही वहां पर हालात सामान्य हो जाएंगे। चीनी लोगों और ऑनलाइन मीडिया की प्रतिक्रिया के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा, ज्यादातर चीनी नागरिक आश्चर्यचकित हैं कि एक सी घटनाओं पर अमेरिकी नेता और मीडिया किस तरह से अलग राय जाहिर करते हैं। 

जैसा कैपिटल हिल में हुआ, वैसा ही हांगकांग में 2019 में हुआ था। तब अमेरिका समेत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी और मीडिया ने उपद्रवियों का समर्थन करते हुए चीन सरकार को निशाने पर लिया था। चीनी नागरिकों की भांति सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी कैपिटल हिल की घटना के लिए प्रतिक्रिया व्यक्त की है। 

अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था के पतन की शुरुआत

कहा- यह अमेरिका की असली तस्वीर है। उसका ताश के पत्तों का ढेर धराशाई हो गया है। उसके कर्मों का फल सामने आ रहा है। अखबार के संपादक हू शीजिन ने अनुमान जताया है कि यह अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था के पतन की शुरुआत है। अर्थात लोकतंत्र का गुब्बारा फटने को है। कुछ लोग कह सकते हैं कि अमेरिका का हाल यूक्रेन जैसा नहीं होगा। लेकिन वे भूल कर रहे हैं। अमेरिकी व्यवस्था गिरनी शुरू हो गई है और वह कैंसर जैसी बीमारी की शिकार हो गई है।


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