हांगकांग में इंसान से पालतू कुत्ते को कोरोना वायरस होने का पहला मामला आया सामने
हांगकांग में एक महिला के जरिए उसके पालतू कुत्ते को कोरोना वायरस का संक्रमण होने का मामला प्रकाश में आया है। ये इंसान से जानवर में संक्रमण होने का पहला मामला है।
बीजिंग। अभी तक ये माना जा रहा था कि कोरोना वायरस मनुष्य में एक-दूसरे के संपर्क में आने की वजह से ही फैल रहा है और लोग इसी वजह से इसके शिकार हो रहे हैं। अब कोरोना वायरस फैलने का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। हांगकांग में स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की है कि वहां एक 60 साल की महिला की वजह से उसके पालतू कुत्ते को कोरोना वायरस हुआ है। यह कोरोना वायरस का पहला ऐसा मामला है जब इंसान से किसी पालतू जानवर को कोरोना का संक्रमण हुआ है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने इसे एक निम्न स्तर का संक्रमण बताया है। ये मानव से जानवर में हुआ है।
चीन में मीडिया रिपोर्ट और न्यूज एजेंसी के मुताबिक, जिस महिला के कुत्ते को कोरोना का संक्रमण हुआ है उस महिला में 25 फरवरी को कोरोना के लक्षण पाए गए थे। उसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उसके बाद एहतियात के तौर पर उसके घर में पालतू कुत्ते को भी इसके परीक्षण के लिए पशुओं के विभाग में भेजा गया, वहां पर उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। पामेरियन नस्ल के इस कुत्ते का फिलहाल इलाज चल रहा है।
फिलहाल कोरोना वायरस (Covid-19) अब तक 78 से अधिक देशों में फैल चुका है। कोरोना की वजह से दुनियाभर में अब तक 3200 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। 92 हजार से अधिक लोग कोरोना वायरस से प्रभावित भी हैं। चीन में हजारों की संख्या में लोग इस बीमारी से ठीक होकर अपने घरों को भी जा चुके हैं।
क्या हैं इसके लक्षण
कोरोना वायरस के लक्षण की बात की जाए तो सबसे पहले बुखार होता है। इसके बाद सूखी खांसी होती है और फिर एक सप्ताह बाद सांस लेने में परेशानी होने लगती है। ऐसी स्थिति में यह कह पाना सही नहीं होगा कि किसी को भी कोरोना वायरस है। ज़ुकाम और फ्लू में भी ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है इसलिए अगर ये लक्षण हैं तो पीड़ित को तुरंत जांच करवाना चाहिए।
कैसे करें बचाव
वैसे अभी तक इस संक्रमण से बचाव के लिए कोई टीका या दवा नहीं खोजी जा सकी है मगर जानकारी ही बचाव कही जा रही है। तमाम डॉक्टरों की टीम इसके लिए टीके और दवा की खोज के लिए लगी हुई है। बचाव के लिए हाथों को साबुन या सैनिटाइजर से बार-बार धोएं, खांसते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करें। टिश्यू न होने की हालात में खांसते वक्त बाजू का इस्तेमाल करें। बिना हाथ धोए आंख, नाक या मुंह को न छुएं।