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Covid-19 Updates: चीन के बढ़ते COVID-19 के मामले, देश की जीडीपी को प्रभावित करेंगे: रिपोर्ट

चीन में बढ़ते कोविड-19 के मामले देश में एक और बड़ी समस्या का की जड़ बन सकते हैं। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में तेजी से बढ़ रही COVID-19 परीक्षण नीतियों से देश की GDP को लगभग 1.5 प्रतिशत तक का झटका देने का अनुमान है।

By Ashisha RajputEdited By: Published: Mon, 13 Jun 2022 06:06 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jun 2022 06:06 PM (IST)
चीन की जीरो-कोविड रणनीति के भावनात्मक टोल ने भी चीनी लोगों पर भारी असर डाला है।

बीजिंग, एएनआइ। चीन में एक बार कोरोना वायरस का ममाले तेजी से फैल रहे हैं। देश में वायरस की बड़े पैमाने पर वापसी देखी जा रही है। राजधानी बीजिंग में कोरोना के प्रकोप को रोकने के लिए बीते दिन लाखों लोगों का अनिवार्य कोविड-19 टेस्ट कराया गया, जिसके बाद देश में कोरोना वायरस के मामलों में भारी इजाफा दर्ज किया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि चीन की चरम COVID-19 परीक्षण नीतियों से देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) को लगभग 1.5 प्रतिशत तक झटका देने का अनुमान है।

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चीन में न्यूक्लिक एसिड परीक्षण की आवश्यकता

चीन में लगातार होती कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है। चीन में अभी सार्वजनिक स्थानों, कार्यालयों और यहां तक ​​कि स्कूलों में प्रवेश करने के लिए पिछले 48 घंटों के भीतर न्यूक्लिक एसिड परीक्षण किए जाने की आवश्यकता है। हालांकि, यह अनुमान लगाया गया है कि अकेले चीन के प्रमुख शहरों में कोविड-19 परीक्षण की लागत लगभग 1.7 ट्रिलियन युआन या देश के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 1.5 प्रतिशत हो सकती है।

चीन की जीरो-कोविड रणनीति

हाल ही में चीन द्वारा प्रतिबंधों में ढील देने के बाद एक 'सुपरमार्केट बार' में 200 नए कोरोना मामले मिलने से चीन की 'शून्य COVID-19 नीति' पर कई सवाल उठे। इसके अलावा, चीन की जीरो-कोविड रणनीति के भावनात्मक टोल ने भी चीनी लोगों पर भारी असर डाला है।

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पूरी जूझ रही है, जिससे लड़ते हुए दो साल से अधिक समय हो गया है और इसके साथ चीन की पोलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षण, संगरोध और फ्लैश लाकडाउन लगभग 'सामान्य जीवन' का अब एक अहम हिस्सा बन गया है।

COVID संक्रमण का फिर से उभरना भी दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण से चिंताजनक है। चीन अपने सबसे अधिक आबादी वाले शहर और वाणिज्यिक केंद्र शंघाई के दो महीने के लाकडाउन से अभी उभरा ही है, इस बीच एक बार फिर से कोरोना के मामले आना पड़ोसी मुल्क के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।


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