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हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक जिमी लाई को नहीं मिली जमानत, पोंपियो ने समर्थन में किया था ट्वीट

हांगकांग के मीडिया दिग्गज और लोकतंत्र समर्थक 73 वर्षीय जिमी लाई को वहां की स्‍थानीय अदालत की ओर से जमानत देने से इन्कार कर दिया गया। एक दिन पहले उन पर नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोप लगाए गए थे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 05:59 PM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 05:59 PM (IST)
हांगकांग के मीडिया दिग्गज और लोकतंत्र समर्थक 73 वर्षीय जिमी लाई को जमानत नहीं मिली है।

हांगकांग, एजेंसियां। हांगकांग के मीडिया दिग्गज और लोकतंत्र समर्थक 73 वर्षीय जिमी लाई को शनिवार को जमानत देने से इन्कार कर दिया गया। एक दिन पहले उन पर नए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत आरोप लगाए गए थे। लाई टेबलॉयड 'द एप्पल डेली' के संस्थापक हैं और उन पर विदेशी शक्तियों के साथ गठबंधन के संदेह और राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने के आरोप हैं। बता दें कि स्थानीय समयानुसार शनिवार सुबह ही अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने ट्वीट करके कहा था कि नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून न्याय का मखौल उड़ाता है।

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पोंपियो बोले- सरकार की हकीकत बता रहे हैं लाई

पोंपियो ने लाई की रिहाई का आह्वान करते हुए कहा कि उनका एकमात्र अपराध यह है कि वह चीन की अधिनायकवादी कम्युनिस्ट पार्टी सरकार के बारे में सच बोल रहे हैं। टेबलॉयड 'द एप्पल डेली' के मुताबिक लाई के मामले को अभियोजन पक्ष के अनुरोध पर 16 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। अभियोजन पक्ष ने कहा कि पुलिस को लाई के ट्विटर अकाउंट से किए गए एक हजार ट्वीट की जांच करने के लिए समय चाहिए।

लगाए गए बेतुके आरोप

अखबार के मुताबिक उनकी चार्जशीट में उन विदेशी राजनीतिज्ञों का भी जिक्र है, जो उन्हें ना केवल ट्विटर पर फॉलो करते हैं बल्कि उनके लेखों और साक्षात्कार पर टिप्पणी करते हैं। लाई पर अनधिकृत विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने और आफिस लीज की शर्तो के कथित उल्लंघन में धोखाधड़ी का भी आरोप लगाया गया है। लाई अन्य देशों से चीन के खिलाफ कठोर रुख अपनाने की वकालत करते रहे हैं।

पूर्व सांसद ने हांगकांग छोड़ा

पूर्व सांसद सिक्सटस बागियो लेउंग चुंग हेंग हांगकांग छोड़कर चले गए हैं। फिलहाल वे अमेरिका में हैं और हांगकांग के लोगों को शरण देने के लिए वाशिंगटन पर दबाव डालने का काम करेंगे। निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हांगकांग के लोगों के संगठन 'हैवन असिस्टेंस' ने फेसबुक पर लिखे एक बयान में कहा, 'लेउंग गहन राजनीतिक उत्पीड़न से आजिज आकर 30 नवंबर को हांगकांग छोड़कर अमेरिका के लिए रवाना हो गए।' 


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