पोंपियो ने की Jio नेटवर्क की सराहना, हुवेई को बताया चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का इंफ्रास्ट्रक्चर
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि हुवेई को दरकिनार कर चलने वाला जियो है साफ-सुथरा भारतीय नेटवर्क जहां चीनी खुफिया एजेंसी का रास्ता है पूरी तरह ब्लॉक।
न्यूयार्क, आइएएनएस। अमेरिका के विदेश सचिव माइक पोंपियो ( Mike Pompeo) के अनुसार, भारत का रिलायंस जियो (Reliance Jio) साफ-सुथरा नेटवर्क है क्योंकि यह चीन की कंपनी हुवेई (Huawei) के किसी भी उपकरण का इस्तेमाल नहीं करता है। पोंपियो ने उन सभी टेलीकॉम कंपनियों की प्रशंसा की जो चीन के साथ कारोबार नहीं करते हैं या चीनी प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने फ्रांस की ऑरेंज, भारत की जियो और ऑस्ट्रेलिया की टेल्सट्रा को क्लीन टेलीकॉम कंपनी करार दिया है। बता दें कि इन सभी टेलीकॉम कंपनियों ने चीन के साथ कारोबार करने से इनकार कर दिया है। पोंपियो का दावा है कि चीनी दिग्गज कंपनी हुवेई के साथ दुनिया की दूरसंचार कंपनियों का करार धीरे-धीरे कम हो रहे हैं।
पोंपियो के अनुसार, चीनी उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करने से यह बीजिंग के इंटेलीजेंस की ओर से किसी तरह के सेंध से सुरक्षित है। दुनिया की अग्रणी टेलीकॉम ऑपरेटरों में जियो को सूचीबद्ध करते हुए पोंपियो ने बुधवार को बताया कि यह बिल्कुल साफ-सुथरा नेटवर्क है जहां हुवेई का नामो-निशान नहीं है। पोंपियो ने कहा,'दुनिया की प्रमुख दूरसंचार कंपनियां जैसे स्पेन की टेलीफोनिका के अलावा ऑरेंज, ओ2, जियो, बेल कनाडा, टेलस और रॉजर्स तथा कई और क्लीन नेटवर्क हैं।'
पोंपियो ने हुवेई को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party, CCP) का बुनियादी ढांचा बताया है। फरवरी में भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी ने कहा था कि दुनिया भर में जियो एकमात्र नेटवर्क है जिसमें नाम मात्र भी किसी चीनी कंपोनेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया है। 5G के लिए जियो स्वदेशी तकनीक अपनाने की कोशिश कर रहा है और इसने बगैर थर्ड पार्टी के टेक्नोलॉजी के लिए लैब टेस्ट की अनुमति के लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशंस के पास आवेदन दे दिया है। अप्रैल में जियो में निवेश को लेकर फेसबुक ने ऐलान किया था।