वुहान में आगे बढ़े भारत-चीन, पीएम मोदी बोले- दोनों देश साथ मिलकर चलने को तैयार
इस बयान से साफ है कि जून 2017 में छिड़े और 73 दिन चले डोकलाम विवाद के 11 माह बाद दोनों देश अब इससे आगे बढ़ गए हैं।
वुहान, प्रेट्र/आइएएनएस : चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अनौपचारिक दो दिवसीय वार्ता के लिए चीन के शहर वुहान पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रवार को भव्य स्वागत किया गया। चीनी राष्ट्रपति के साथ मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और चीन विश्व शांति के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों देश साथ मिलकर चलने को तैयार हैं। इस बयान से साफ है कि जून 2017 में छिड़े और 73 दिन चले डोकलाम विवाद के 11 माह बाद दोनों देश अब इससे आगे बढ़ गए हैं।
शुक्रवार शाम दोनों नेताओं के बीच बैठक हुई इसमें दोनों देशों की ओर से छह-छह शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे। बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि 'न्यू इंडिया' और चीन के 'न्यू एरा' की कोशिश दुनिया के हित में है क्योंकि दुनिया की 40 फीसद आबादी इन्हीं दो देशों में रहती है। भारत और चीन पिछले 2000 साल में से 1600 साल से वैश्विक आर्थिक विकास में दो इंजन की तरह काम कर रहे हैं। भारत-चीन मिलकर दुनिया को कई समस्याओं से निजात दिला सकते हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए 'स्ट्रैन्थ' को नए सिरे से परिभाषित किया। इसके मुताबिक, एस- स्प्रीच्यूआलिटी; टी- ट्रेडिशन, ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी; आर- रिलेशनशिप; ई- एंटरटेनमेंट; एन- नेचर कंजरवेशन; जी- गेम्स; टी- टूरिज्म और एच- हेल्थ एंड हीलिंग।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस अनौपचारिक समिट के जरिये बेहद सकारात्मक माहौल बनाया गया और आपने (चिनफिंग) व्यक्तिगत तौर पर इसमें बड़ा और अहम योगदान दिया है। उन्होंने कहा, 'यह भारतीयों के लिए गर्व की बात है और मैं संभवत: भारत का पहला ऐसा प्रधानमंत्री हूं जिसकी अगवानी के लिए आप (शी चिनफिंग) दो-दो बार राजधानी से बाहर आए हैं।' प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के प्रति आपके प्यार और सम्मान को दर्शाता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले वक्त में ऐसी अनौपचारिक वार्ताएं परंपरा का हिस्सा बन जाएंगी। अगर 2019 में ऐसी ही कोई समिट भारत में हो तो उन्हें काफी खुशी होगी। इसके लिए मोदी ने लगे हाथ चिनफिंग को न्योता भी दे दिया। चिनफिंग ने कहा, 'मैं भविष्य में यकीन करता हूं। हम इसी तरह आगे भी समय-समय पर मुलाकातें कर सकते हैं। साझा समझ बना सकते हैं, ताकि दोनों देशों के रिश्ते अगली पायदान पर पहुंच सकें।' प्रतिनिधिमंडल स्तर की इस बातचीत के लिए आधा घंटा निर्धारित था, लेकिन यह दो घंटे से ज्यादा समय तक चली। इससे पता चलता है कि विभिन्न मसलों पर कितनी गंभीरता से विचार-विमर्श किया गया।
30 सेकंड हाथ थामे रहे चिनफिंग
इससे पहले, चीन के नायक रहे माओत्से तुंग के पसंदीदा पर्यटन शहर वुहान में चिनफिंग ने मोदी का हुबेई प्रांत के सेंट्रल म्यूजियम में समारोहपूर्वक व गर्मजोशी से स्वागत किया। इस मौके पर राष्ट्रपति चिनफिंग 30 सेकंड तक मोदी का हाथ थामे रहे। इस मौके पर मोदी ने चिनफिंग को जाने-माने चीनी कलाकार शू बीहांग की दो पेंटिंगों की प्रतियां भेंट कीं। शू ने ये पेंटिंग रविंद्रनाथ टैगोर के विश्व भारती में प्रवास के दौरान बनाई थीं।
मोदी ने याद किए पुराने दिन
म्यूजियम में चिनफिंग ने मोदी को कुछ ऐतिहासिक कला संग्रह और चीन की प्राचीन सभ्यता से जुड़े सांस्कृतिक अवशेष दिखाए। म्यूजियम घूमने के लिए 20 मिनट निर्धारित थे, लेकिन यह 40 मिनट तक चला। इसके बाद हुई बातचीत के दौरान मोदी ने अपने पुराने दिन भी याद किए। कहा, 'जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब वुहान आने का गौरव प्राप्त हुआ था। मैंने यहां के थ्री गोर्जेस बांध के बारे में बहुत सुना था। जिस रफ्तार से आपने बांध का निर्माण कराया, उसने मुझे प्रेरित किया। मैं एक अध्ययन भ्रमण पर आया था और बांध पर एक दिन भी बिताया था।' प्रधानमंत्री ने कहा कि चीन और भारत की संस्कृति नदी के किनारों पर ही विकसित हुई है। अगर हम मोहनजोदड़ो और हड़प्पा संस्कृति की बात करें तो सारा विकास नदियों के किनारे ही हुआ है।
दिल से जुड़ेगा दिल
मालूम हो कि इस अनौपचारिक वार्ता को 'दिल से दिल को जोड़ने वाली पहल' करार दिया जा रहा है। इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच कुछ अति विवादास्पद मुद्दों पर सहमति की राह खोजना है। पहले दिन की बातचीत के बाद प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा भी, 'हमने व्यापक और फलदायी बातचीत की। हमने मजबूत भारत-चीन संबंधों के अलावा अन्य वैश्विक मसलों पर भी विचार-विमर्श किया।'
बाकी तीन बैठक आज
- शुक्रवार को दोनों नेताओं की पहली मुलाकात हुबेई म्यूजियम में हुई। दोनों नेताओं ने म्यूजियम भी देखा। दूसरी वार्ता ईस्ट लेक के पास स्टेट गेस्ट हाउस में हुई। इसमें प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुए।
- दोनों नेताओं के बीच तीसरी बार बातचीत डिनर के बाद हुई। इसके बाद चिनफिंग मोदी को कार तक छोड़ने भी आए।
- शनिवार सुबह दोनों नेता ईस्ट लेक के किनारे टहलते हुए चर्चा करेंगे।
- इसके बाद दोनों नेता नाव की सवारी करेंगे।
- शनिवार को दोनों नेता लंच भी एक साथ करेंगे।
आंकड़ों में रिश्ते
- मोदी सबसे ज्यादा यानी चार बार चीन का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इसके बाद वह 9-10 जून को एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने भी चीन आएंगे। जबकि मनमोहन सिंह अपने 10 साल के शासनकाल में तीन बार चीन गए थे। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने चार साल में सिर्फ एक बार भारत यात्रा की है।
- मोदी ऐसे पहले प्रधानमंत्री हैं जिनसे चीनी नेता ने प्रोटोकॉल तोड़कर अनौपचारिक बातचीत की है। पहले प्रधानमंत्री की आधिकारिक मुलाकात चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग से होती थी। इसके बाद ही वह राष्ट्रपति से मिल पाते थे।
- ऐसा पहली बार हो रहा है कि दोनों देशों के नेताओं की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी नहीं हो रहा है।
- दोनों नेताओं के बीच यह 11वीं बैठक है। मोदी ने इससे पहले सबसे ज्यादा आठ बार अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की थी।