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संकट में शी चिनफिंग, CCP को चुनौती देने के मूड में PLA के रिटायर सिपाही व कैडर

एक ओर कोविड-19 के कारण वैश्विक मंच पर चीन संकट में है ही दूसरी ओर अब देश की आर्मी भी सरकार के व्यवहार से दुखी हो सत्ता के खिलाफ मोर्चाबंदी की तैयारी में है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 09:54 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 09:54 AM (IST)
संकट में शी चिनफिंग, CCP को चुनौती देने के मूड में PLA के रिटायर सिपाही व कैडर
संकट में शी चिनफिंग, CCP को चुनौती देने के मूड में PLA के रिटायर सिपाही व कैडर

वाशिंगटन, एएनआइ। एक ओर कोविड-19 के कारण वैश्विक मंच पर चीन संकट में है ही दूसरी ओर अब देश की आर्मी भी सरकार के व्यवहार से दुखी हो सत्ता के खिलाफ मोर्चाबंदी की तैयारी में है। सेना के असंतुष्ट रिटायर जवान व चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (People's Liberation Army, PLA) सरकार के व्यवहार से दुखी है और यह शी चिनफिंग ( Xi Jinping ) के नेतृत्व को चुनौती देने के मूड में दिख रही है। यह जानकारी कम्युनिस्ट पार्टी के पूर्व नेता के पुत्र जियानली यांग (Jianli Yang) ने दी।

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हिंसक झड़प में हुए नुकसान को छिपा रहा चीन

वाशिंगटन पोस्ट के 'ओपिनियन' में चीन के लिए सिटीजन पावर इनिशिएटिव के अध्यक्ष व संस्थापक जियानली ने लिखा कि बीजिंग द्वारा भारत के साथ झड़प में चीनी सेना के नुकसान की खबर पर साधी गई चुप्पी से देश में अव्यवस्था फैलने की संभावना है। चीन में लोगों द्वारा सरकार पर सवालिया निशान उठाया जा रहा है कि भारत से अधिक चीन को नुकसान हुआ लेकिन इस नुकसान का खुलासा सरकार ने होने नहीं दिया।  उल्लेखनीय है कि चीन में मीडिया भी सरकार के कंट्रोल में है। जियानली ने लिखा, ' लंबे समय से PLA चीन की सत्ता का मुख्य हिस्सा रहा है। यदि  देश की सेवा में कार्यरत PLA कैडर की भावनाएं आहत होती हैं तो ये रिटायर सैनिकों के साथ मिलकर देश की सरकार के खिलाफ मोर्चाबंदी करेगा।'  

रिटायर सैनिकों की चीन को नहीं है परवाह

जियानली ने बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी सेना वाला देश चीन है लेकिन इसके पास रिटायर सेना के जवानों के लिए न तो पेंशन की कोई योजना है और न ही उनके लाभों के लिए सरकार की कोई नीति है। परिणामस्वरूप ये रिटायर सैनिक पेंशन, मेडिकल केयर और अन्य मूल सुविधाओं के लिए स्थानीय सरकार पर निर्भर हैं। देश के लिए खून बहाने वाले ये जवान भ्रष्टाचारी स्थानीय अधिकारियों की दया पर निर्भर रहते हैं। जियानली ने यहां तक कहा कि चीन सरकार की इस व्यवस्था से इन रिटायर सैनिकों को बिल्कुल उन गधों की तरह अहसास होता है जो बूढ़े होने के बाद मार दिया जाता है।

जियानली ने गलवन घाटी में भारत-चीन सेना के बीच हाल में हुए हिंसक झड़प का भी जिक्र किया। इसके अलावा एक चीनी वीबो यूजर ने भी भारत ने शहीद हुए सैनिकों के सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया। भारत देश की रक्षा करने वाले सैनिकों के लिए उच्च सम्मान रखता है और उनपर ध्यान देता है।


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