चीनी तानाशाही के खिलाफ सड़कों पर उतरे हांगकांग के लोग
आंदोलनकारियों ने हाथों में 'हांगकांग की भावना कैद नहीं की जा सकती', 'हमारे साथ आएं, तानाशाही शासन के खिलाफ लड़ें' आदि लिखी तख्तियां ले रखी थीं।
हांगकांग, एएफपी। चीन के बढ़ते दबदबे से परेशान हांगकांग के सैकड़ों लोगों ने रविवार को सड़क पर मार्च निकाल विरोध जताया। इसे 'तानाशाही विरोधी' मार्च का नाम दिया गया। इसमें जोशुआ वांग समेत बड़ी संख्या में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
21 साल के वांग ने ही 2014 में लोकतंत्र के समर्थन में चर्चित 'अंब्रेला मूवमेंट' चलाया था। इस मामले में उन्हें जेल जाना पड़ा था। फिलहाल वह जमानत पर हैं। हांगकांग की जनता को यह चिंता सता रही है कि चीन लगातार ऐसे कानून प्रभावी कर रहा है जिससे आम लोगों की आजादी खतरे में पड़ जाएगी।
वांग ने कहा, 'कोई भी कैद की सजा नहीं चाहता है लेकिन अगर आंदोलनों से न्याय और लोकतंत्र के लिए अधिकाधिक लोग सामने आ सकें तो वह इसकी कीमत चुकाने को तैयार हैं।' आंदोलनकारियों ने हाथों में 'हांगकांग की भावना कैद नहीं की जा सकती', 'हमारे साथ आएं, तानाशाही शासन के खिलाफ लड़ें' आदि लिखी तख्तियां ले रखी थीं। कुछ ने हांगकांग में चीनी राष्ट्रगीत के अनादर पर लागू नए कानून का मजाक भी उड़ाया। ज्ञात हो कि हांगकांग 1997 से चीन के अधीन है। इससे पूर्व यह ब्रिटेन शासन के अंतर्गत था।
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