डेल्टा वैरिएंट के मुकाबले 70 गुना तेजी से फैलता है Omicron, कोरोना वैक्सीन से बचने में भी सक्षम
हांगकांग विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर माइकल चैन ची-वाई और उनकी टीम ने ओमिक्रोन को सफलतापूर्वक अलग किया और 2020 से मूल SARS-CoV-2 और डेल्टा वैरिएंट के साथ संक्रमण की तुलना की। टीम ने पाया की ओमिक्रोन डेल्टा संस्करण की तुलना में तेजी से फैलता है।
बीजिंग, पीटीआइ। दक्षिण अफ्रीका में पहली बार मिले कोरोना वायरस के नए ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर रोजाना नए नए अध्ययन सामने आ रहे हैं। एक नए अध्ययन में यह पता चला है कि ओमिक्रोन वैरिएंट डेल्टा और मूल कोविड-19 स्ट्रेन की तुलना में 70 गुना तेजी से संक्रमित करता है, लेकिन अच्छी बात यह है कि बीमारी की गंभीरता इसमें बहुत कम है। हांगकांग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया कि ओमिक्रोन डेल्टा वैरिएंट और मूल SARS-CoV-2 की तुलना में 70 गुना तेजी से लोगों को संक्रमित करता है।
अध्ययन में यह बात सामने आइ है कि संक्रमण के 24 घंटे बाद ओमिक्रोन श्वसन तंत्र में बहुत तेजी से फैलता है। ओमिक्रोन एक से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलता है, लेकिन फेफड़ों के ऊतकों को उतना नुकसान नहीं पहुंचाता है डेल्टा वैरिएंट ने नुकसान पहुंचाया था। फेफड़ों में ओमिक्रोन संक्रमण मूल SARS-CoV-2 की तुलना में काफी कम रहता है, जो कम गंभीरता का संकेत है। हांगकांग विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर माइकल चैन ची-वाई और उनकी टीम ने ओमिक्रोन को सफलतापूर्वक अलग किया और 2020 से मूल SARS-CoV-2 और डेल्टा वैरिएंट के साथ संक्रमण की तुलना की।
इस दौरान टीम ने पाया कि ओमिक्रोन मानव ब्रोन्कस (human bronchus) में मूल SARS-CoV-2 वायरस और डेल्टा संस्करण की तुलना में तेजी से फैलता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि संक्रमण के 24 घंटे बाद ओमिक्रोन वैरिएंट डेल्टा और मूल SARS-CoV-2 वायरस की तुलना में लगभग 70 गुना अधिक तेजी से संक्रमित करता है। चान ने कहा कि कई लोगों को संक्रमित करने वाला संक्रामक वायरस अधिक गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण बन सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि हाल के अध्ययनों से पता चला है कि ओमिक्रोन वैरिएंट कोरोना वैक्सीन और पिछले संक्रमण से आंशिक रूप से प्रतिरक्षा से बच सकता है।
वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महानिदेशक टेड्रोस अढानम घेब्रेयेसस ने कहा है कि ओमिक्रोन वैरिएंट असाधारण तरीके से फैल रहा है। 24 नवंबर को यह वैरिएंट पहली बार सामने आया था। उसके बाद तीन हफ्ते के भीतर ही यह 77 देशों तक फैल गया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ वैक्सीन ही कोरोना से नहीं बचा सकती। कोरोना से बचने के लिए मास्क पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना और कुछ-कुछ अंतराल पर अच्छे से हाथ धोते रहना जरूरी है।