शिनजियांग के हिरासत शिविरों पर चीन का झूठ आया सामने, लोगों पर होता है आत्याचार
इन दस्तावेजों से पता चलता है कि हिरासत शिविरों में रखे गए लोगों पर टॉयलेट जाने के दौरान भी सख्त निगरानी रखी जाती है।
बीजिंग, एएफपी। अशांत शिनजियांग प्रांत में चल रहे हिरासत शिविरों से जुड़े दस्तावेजों के प्रकाश में आने के बाद चीन घिरता दिख रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इन शिविरों में उइगर बंदियों पर कई तरह की बंदिशों से चीन की यह बात गलत साबित होती दिखती है, जिसमें वह इन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताता है।
लंदन में चीनी दूतावास ने हालांकि इस रिपोर्ट को खारिज करते हुए मनगढ़ंत और फर्जी बताया है। दूतावास की ओर से कहा गया कि हिरासत शिविरों से जुड़े ऐसे कोई भी दस्तावेज और आदेश नहीं हैं। इस प्रशिक्षण केंद्रों को आतंकवाद की रोकथाम के लिए स्थापित किया गया है।
दरअसल, ये दस्तावेज इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (आइसीआइजे) द्वारा हासिल किए गए थे और रविवार को विश्व के 17 प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों द्वारा प्रकाशित किए गए। इन दस्तावेजों से पता चलता है कि हिरासत शिविरों में रखे गए लोगों पर टॉयलेट जाने के दौरान भी सख्त निगरानी रखी जाती है। उन्हें एक-दूसरे से मिलने भी नहीं दिया जाता है।
दस्तावेजों में उन दिशा-निर्देशों की सूची भी शामिल है जो इन शिविरों को चलाने के लिए शिनजियांग सिक्योरिटी चीफ द्वारा 2017 में जारी की गई थी। इससे पता चलता है कि इन शिविरों में रखने के लिए पुलिस किस तरह डाटा संग्रह और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) का इस्तेमाल करती है। दिशा-निर्देशों में हिरासत शिविरों को लेकर अधिकारियों को सख्त गोपनीयता बरतने का भी आदेश दिया गया था। इसके तहत शैक्षिक क्षेत्र में कर्मचारियों के मोबाइल फोन और कैमरा लाने पर प्रतिबंध लगाया गया था।
शिविरों में रहते हैं दस लाख उइगर मुस्लिम
शिनजियांग में चल रहे इन हिरासत शिविरों में लगभग 10 लाख उइगर मुस्लिमों को रखा गया है। मेलबर्न की ला ट्रोब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और चीन मामलों के विशेषज्ञ जेम्स लीबोल्ड ने कहा, इन दस्तावेजों से चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की उस दलील को झटका लगा है, जिसमें वह इन शिविरों को व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र बताती है और कहती है कि इन शिविरों में उइगर और अन्य मुस्लिम स्वेच्छा से प्रशिक्षण लेते हैं। ये दस्तावेज अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स की उस रिपोर्ट के बाद सामने आए हैं, जिसमें चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने अलगावादियों और उग्रवादियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की दया नहीं दिखाने का आदेश दिया है।
चीन ने हिरासत शिविरों की उपस्थिति को नकारा था
बता दें कि चीन ने शुरू में इस तरह के हिरासत शिविरों की उपस्थिति को नकारा था, लेकिन बाद में उसने माना था कि शिनजियांग प्रांत में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र खोले गए हैं। इनका उद्देश्य मंदारिन भाषा और व्यावसायिक प्रशिक्षण के माध्यम से चरमपंथ को रोकना है। लेकिन पूर्व में इन शिविरों में रह चुके लोगों ने आरोप लगाया था कि इनका मुख्य उद्देश्य उइगर संस्कृति और धर्म को नष्ट करना है।
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