मसूद अजहर पर फिर चीन नहीं देगा भारत का साथ, अटकाएगा यूएन में रोड़ा
हुआ ने बताया कि चीन ने कई बार अपनी स्थिति मसूद अजहर के मामले पर साफ की है।
नई दिल्ली, [स्पेशल डेस्क]। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधित अंतरराष्ट्रीय आंतकियों की सूची में शामिल कराने की भारत की कोशिशों को चीन एक और झटका दे सकता है। चीन ने सहमति के अभाव का हवाला देकर कहा है कि मसूद अजहर को यूएन की ब्लैक लिस्ट में शामिल कराने पर वो अपना समर्थन नहीं देगा।
मसूद पर भारत को नहीं मिलेगा चीन का साथ
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने ऐसे वक्त पर चीन के रुख को साफ किया है जब इसी गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 कमेटी की बैठक होने जा रही है जहां पर अजहर के बारे में चर्चा होगी। इससे पहले, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन से इतर सितंबर महीने में बैठक की थी। जिसके बाद इस बात की उम्मीद जगी थी कि यूएन सम्मेलन के दौरान चीन मसूद अजहर के मामले पर अपना अड़ियल रुख छोड़ सकता है।
मसूद अजहर बैन पर अभी नहीं है सहमति
हुआ ने बताया कि हमने कई बार अपनी स्थिति मसूद अजहर के मामले पर साफ की है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावना में 1267 कमेटी को स्पष्ट शर्तों के साथ अधिकार दिया गया है और जब किसी संगठन या व्यक्तिगत तौर पर उसे सूची में डालने की बात हो तो उसके बारे में ही स्पष्ट प्रस्ताव है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने आगे कहा कि जहां तक मसूद पर आवेदन को सूचीबद्ध करने की बात है तो उस पर अभी असहमति है। चीन ने इस पर तकनीकी रोक लगाई है क्योंकि सभी पार्टियों को इस पर विचार करने के लिए अभी और वक्त की जरुरत है।
चीन ने कहा- आतंकवाद से खुद पीड़ित है पाकिस्तान
जब हुआ से यह पूछा गया कि क्या वे इस्लामाबाद के साथ बेहतर संबंध के चलते चीन लगातार मसूद अजहर के मामले पर रोड़ा अटका रहा है? इसके जवाब में हुआ ने बताया कि मैं इस बात को नहीं समझ पा रहा हूं कि क्यों इस बात को उठाया जा रहा है। लेकिन, ऐसे संबंध के आधार पर किसी एक का पक्ष नहीं ले सकते। उन्होंने आगे कहा कि चीन ने हमेशा निष्पक्षता के सिद्धांत का पक्ष लिया है और मसूद अजहर के मामले को भी उसकी क्षमता के आधार पर निर्णय करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि चीन खुद आतंकवाद से पीड़ित है। उन्होंने कहा कि आप पाकिस्तान का नाम लेते हो लेकिन, पाकिस्तान आतंकवाद का पीड़ित है और आतंकवाद के खिलाफ उनकी राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुसार लड़ाई में हमने पाकिस्तान का साथ दिया है।