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India China News in Hindi: जासूसी जहाज पर आया चीन का बयान, भारत को लेकर कह दी ये बात

India China News in Hindi चीनी बैलिस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट ट्रैकिंग शिप युआन वांग 5 आज स्‍थानीय समयानुसार सुबह 8.20 बजे हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचा। इसे दोहरे उपयोग वाला जासूजी जहाज भी बताया जा रहा है। इसे लेकर चीनी राजनयिक ने कहा है कि इसका आना बेहद स्‍वाभाविक है।

By Arijita SenEdited By: Published: Tue, 16 Aug 2022 03:31 PM (IST)Updated: Tue, 16 Aug 2022 03:31 PM (IST)
India China News in Hindi: जासूसी जहाज पर आया चीन का बयान, भारत को लेकर कह दी ये बात
चीन ने जहाज को लेकर दी अपनी सफाई

कोलंबो, एजेंसी। चीन (China) का हाई टेक जासूसी जहाज 'युआन वांग-5' (Yuan Wang-5) मंगलवार सुबह श्रीलंका (Srilanka) के दक्षिणी तट हंबनटोटा पहुंच गया। यह यहां 22 अगस्‍त तक रूकेगा। इसे लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं जिसे लेकर श्रीलंका में चीनी राजनयिक ने कहा है कि इसे लेकर जिस तरह की बातें की जा रही हैं वे सारी बेबुनियाद हैं। और इस तरह की चीजें काफी स्‍वाभाविक है।

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मालूम हो कि चीनी बैलिस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट ट्रैकिंग शिप 'युआन वांग 5' आज स्‍थानीय समयानुसार सुबह 8.20 बजे हंबनटोटा बंदरगाह पहुंचा। इसे दोहरे उपयोग वाला जासूजी जहाज भी बताया जा रहा है।

पहले इस शोध और सर्वेक्षण पोत के बंदगाह पर पहुंचने की तारीख 11 अगस्‍त तय की गई थी, लेकिन इससे संबंधित श्रीलंकाई अधिकारियों से मंजूरी न मिलने की वजह से इसके आगमन में देरी हुई।

भारत को स्‍वाभाविक रूप से चीन के इस जहाज के श्रीलंका पर आकर रूकने की आशंका है। अपने मित्र देश की परवाह करते हुए श्रीलंका ने चीन से 16 से 22 अगस्‍त के बीच पोत के बंदरगाह पर पहुंचने की योजना को टालने के लिए कहा था।

श्रीलंका ने जानकारी दी है कि तय समयावधि के भीतर ईंधन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पोत के बंदरगाह पर आगमन को रक्षा मंत्रालय ने अपनी मंजूरी दे दी है।

श्रीलंका में चीनी राजदूत क्‍वी झेनहॉन्‍ग बंदरगाह पर जहाज का स्‍वागत करने के लिए पहुंचे थे। झेनहॉन्‍ग ने कहा, ''इस तरह के सर्वेक्षण पोत का श्रीलंका में आना बेहद स्‍वाभाविक है। साल 2014 में इसी तरह का एक और जहाज भी यहां आया था।''भारत की इस जहाज को लेकर आशंका के बारे में पूछे जाने वह झेनहॉन्‍ग कहते हैं, ''मुझे नहीं पता। आप उन्‍हीं से पूछिए।''

इस दौरान श्रीलंका की सत्तारूढ़ पोदुजाना पेरामुना पार्टी से अलग हुए समूह के कई सांसद भी मौके पर मौजूद थे।

मालूम हो कि चूंकि युआन वांग एक शक्तिशाली ट्रैकिंग शिप है इसलिए भारत को संदेह है कि वह श्रीलंका पहुंचने के बाद यहां से दक्षिण भारत के कुछ महत्‍वपूर्ण व परमाणु सैन्‍य ठिकानों पर अपनी नजर रख सकता है।


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