Move to Jagran APP

हांगकांग के प्रदर्शनकारियों पर फिर मंडराया चीन के प्रत्यर्पण का खतरा, ड्रैगन ने दिए संकेत

हांगकांग में चीन का राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद अब वहां पर फिर से चीन के लिए प्रत्यर्पण का खतरा पैदा हो गया है। चीन के एक बयान से इसके संकेत मिले हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jul 2020 06:01 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jul 2020 06:01 AM (IST)
हांगकांग के प्रदर्शनकारियों पर फिर मंडराया चीन के प्रत्यर्पण का खतरा, ड्रैगन ने दिए संकेत

हांगकांग, एपी। हांगकांग में चीन का राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद अब वहां पर फिर से चीन के लिए प्रत्यर्पण का खतरा पैदा हो गया है। प्रदर्शनों पर रोक लगाने और उनसे सख्ती से निपटने वाला कानून लागू कर चीन अब हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि कर सकता है। इसके बाद हांगकांग में गिरफ्तार प्रदर्शनकारियों और अन्य आरोपियों को चीन ले जाकर वहां की अदालत में मुकदमा चलाया जा सकेगा।

loksabha election banner

स्थानीय सरकार के प्रत्यर्पण संधि का विधेयक विधानसभा में लाने पर ही 2019 में हांगकांग में विरोधस्वरूप आंदोलन की शुरुआत हुई थी। बाद में सरकार ने विधेयक वापस ले लिया लेकिन आंदोलन नहीं रुका और आंदोलनकारी हांगकांग में पूर्ण लोकतंत्र की मांग करने लगे। अब चीन ने कहा है कि अगर आंदोलन हिंसात्मक हुआ तो उसमें शामिल लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत मुकदमा दर्ज कर अदालत में सुनवाई के लिए चीन की धरती पर भेजा जा सकता है।

इस बयान के बाद सुरक्षा कानून के प्रावधानों पर भी बहस चल निकली है। कहा जा रहा हैकि अब विधानसभा में कोई विधेयक पारित कराने की जरूरत नहीं होगी। सरकार अपनी मर्जी से आरोपियों को अदालत में सुनवाई के लिए चीन भेज सकेगी। उल्लेखनीय है कि चीन की न्यायिक व्यवस्था को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं है। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के इशारे पर चलने वाली अदालतें मनमाने फैसले लेती हैं और दंड देती हैं।

सरकार विरोधी बात कहने वालों को अज्ञात स्थान पर वर्षों तक बंदी बनाकर रखा जाता है और दुनिया से उसका कोई वास्ता नहीं रहता है। उधर ताइवान ने हांगकांग के दो सरकारी अधिकारियों के वीजा रद कर दिए हैं। हाल ही में चीन की ओर से हांगकांग पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किए जाने से हांगकांग की स्वायत्तता खतरे में पड़ गई है। ताइवान समेत दुनिया के प्रमुख देशों ने चीन के इस कदम का विरोध किया है। ताइवान का ताजा कदम इसी विरोध के तौर पर माना जा रहा है।

हांगकांग को लेकर ब्रिटेन और चीन के बीच भी तनातनी बढ़ती जा रही है। ब्रिटेन अब चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया है। रविवार को विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने चीन पर मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन का आरोप लगाया था और कहा था कि चीन के साथ प्रत्यर्पण संधि के निलंबन की घोषणा संसद में की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.