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चीन में स्वास्थ्यकर्मियों को शारीरिक के साथ ही मानसिक खतरे का भी सामना करना पड़ा

चीन में कोरोना के मरीजों के इलाज के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को मानसिक के साथ-साथ शारीरिक खतरे का भी सामना करना पड़ा।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 05:55 PM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 05:55 PM (IST)
चीन में स्वास्थ्यकर्मियों को शारीरिक के साथ ही मानसिक खतरे का भी सामना करना पड़ा
चीन में स्वास्थ्यकर्मियों को शारीरिक के साथ ही मानसिक खतरे का भी सामना करना पड़ा

बीजिंग, एजेंसियां। चीन में कोरोना महामारी के चरम के दौरान मरीजों के संपर्क में रहने वाले एक तिहाई से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मियों को अनिद्रा (Insomnia) की समस्या हो सकती है। 'फ्रंटियर्स इन साइकिएट्री' जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक इलाज के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों को शारीरिक के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी खतरे का सामना करना पड़ा।

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देश में मंगलवार को संक्रमण के 89 नए मामले सामने आए। लेकिन किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं हुई। चीन में 82 हजार से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं जबकि 3,341 लोगों की मौत हो चुकी है। 1077 लोग ऐसे हैं जो संक्रमित तो हैं, लेकिन उनमें किसी प्रकार के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे।

अध्ययन के सह लेखक और ग्वांग्झू स्थित सदर्न मेडिकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बिन झांग के मुताबिक, आमतौर पर तनाव से संबंधित अनिद्रा की समस्या क्षणिक होती है और केवल कुछ दिनों के लिए होती है। लेकिन अगर कोरोना महामारी का प्रकोप जारी रहा तो अनिद्रा की समस्या भयंकर रूप धारण कर सकती है। अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने एक प्रश्नावली तैयार की और सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'वीचैट' के जरिये 1563 प्रतिभागियों से सवाल पूछे।

यह सर्वेक्षण 29 जनवरी से तीन फरवरी के बीच किया गया था। यह वह समय था जब चीन में कोरोना महामारी अपने चरम पर थी। अध्ययन के मुताबिक 1563 प्रतिभागियों में से 564 यानी 36.1 फीसद में अनिद्रा के लक्षण मिले। अध्ययन से एक और बात पता चली है कि जिन लोगों को अनिद्रा की समस्या थी, उनमें अवसाद 87.1 फीसद जबकि अन्य लोगों में 31 फीसद था। शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि डॉक्टरों की तुलना में अन्य स्वास्थ्यकर्मियों में अनिद्रा का खतरा 2.69 गुना ज्यादा था।

दो प्रोटोटाइप वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू

चीन ने कोरोना के इलाज के लिए बनाई गई दो प्रोटोटाइप वैक्सीन का क्लीनिक ट्रायल शुरू कर दिया है। इन दोनों टीकों को रोगजनक सूक्ष्मजीवों का उपयोग कर विकसित किया गया है। क्लीनिकल ट्रायल से पहले प्रोटोटाइप वैक्सीन का लाइसेंस रविवार को मिला। एक वैक्सीन को वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल प्रोडक्ट्स और चीन के नेशनल फार्मास्यूटिकल ग्रुप द्वारा विकसित किया गया है। जबकि दूसरे टीके का प्रोटोटाइप सिनोवेक रिसर्च एंड डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड ने कई अन्य कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया है।

अफ्रीकी समुदाय के 111 लोग कोरोना पॉजिटिव

चीन में अफ्रीकी समुदाय के 111 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं। इनमें से 19 वे लोग हैं जो विदेश से यहां आए हैं। यह जानकारी ग्वांग्झू के डिप्टी मेयर चेन झींग ने दी। उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल से अब तक अफ्रीकी समुदाय के 4,553 लोगों का न्यूक्लिक एसिड टेस्ट किया जा चुका है।


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