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विशेषज्ञों का दावा, निगरानी के लिए करोड़ों लोगों के डीएनए सैंपल इकट्ठा कर रहा चीन

चीनी अधिकारी देशभर से करोड़ों लोगों के डीएनए सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं ताकि हाईटेक निगरानी के नए हथियार के रूप में उनका इस्तेमाल किया जा सके।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 28 Jul 2020 06:04 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jul 2020 06:04 AM (IST)
विशेषज्ञों का दावा, निगरानी के लिए करोड़ों लोगों के डीएनए सैंपल इकट्ठा कर रहा चीन
विशेषज्ञों का दावा, निगरानी के लिए करोड़ों लोगों के डीएनए सैंपल इकट्ठा कर रहा चीन

न्यूयॉर्क, एएनआइ। बड़ा आनुवांशिक (जेनेटिक) डाटाबेस विकसित करने के लिए चीनी अधिकारी देशभर से करोड़ों लोगों के डीएनए सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं ताकि हाईटेक निगरानी के नए हथियार के रूप में उनका इस्तेमाल किया जा सके। न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख में यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में पीएचडी के छात्र एमिल डिर्क और आधुनिक चीन में जातीय मसलों के विशेषज्ञ जेम्स लीबोल्ड का कहना है कि चीन में असहमति अपराध है और पुलिसिया अभियान सरकार के दमन का एक प्रमुख हिस्सा है।

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उनका अनुमान है कि अधिकारियों का लक्ष्य 3.5 करोड़ से सात करोड़ चीनी पुरुषों का डीएनए एकत्रित करने का है। हालांकि चीन सरकार ने ऐसे किसी कार्यक्रम के अस्तित्व से इन्कार किया है लेकिन लेखकों का कहना है कि उन्होंने ऐसे बिखरे हुए सुबूतों को ऑनलाइन उजागर करना जारी रखा है जिनसे इस कार्यक्रम की व्यापकता का पता चलता है। इनमें सरकारी रिपोर्टें और डीएनए किटों एवं टेस्टिंग सर्विसेज की खरीद के सरकारी आदेश शामिल हैं।

पिछले महीने आस्ट्रेलियाई स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में लेखकों ने कहा था कि उन्होंने चीन सरकार के आनुवांशिक निगरानी कार्यक्रम की व्यापकता को उजागर किया था। उन्होंने लिखा था कि अब यह सिर्फ शिंजियांग, तिब्बत और अल्पसंख्यक आबादी वाले इलाकों तक सीमित नहीं रहा गया है।

इस बीच चीन में कोरोना के शुरुआती मामलों का पता लगाने वाले एक डॉक्टर ने वुहान में संक्रमण के मामलों को छिपाने के लिए स्थानीय अधिकारियों को जिम्‍मेदार ठहराया है। डॉक्‍टर ने कहा है कि जांच के लिए वुहान सी फूड मार्केट पहुंचने से पहले ही सुबूत नष्ट किए जा चुके थे। मुझे संदेह है कि वुहान स्थित स्थानीय अफसरों ने संक्रमण से जुड़ी जानकारियां छिपाई हैं। स्थानीय अधिकारियों पर प्रारंभिक तौर पर सूचना देने की जिम्मेदारी थी लेकिन उन्होंने वैसा नहीं किया। उल्‍लेखनीय है कि सबसे पहले कोरोना संक्रमण के मामले चीन के वुहान से सामने आए थे।  


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