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कम्युनिस्टों को कमजोर करेगा चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग का लंबा कार्यकाल, जानें विशेषज्ञों की राय

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी एक जुलाई को शताब्दी वर्ष मनाने जा रही है। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) का लंबा कार्यकाल भविष्य में परेशानी का कारण बन सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 27 Jun 2021 05:33 PM (IST)Updated: Sun, 27 Jun 2021 11:10 PM (IST)
कम्युनिस्टों को कमजोर करेगा चीनी राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग का लंबा कार्यकाल, जानें विशेषज्ञों की राय
राष्ट्रपति शी चिनफिंग का लंबा कार्यकाल भविष्य में परेशानी का कारण बन सकता है।

बीजिंग, पीटीआइ। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी एक जुलाई को शताब्दी वर्ष मनाने जा रही है। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग का लंबा कार्यकाल भविष्य में परेशानी का कारण बन सकता है। इससे उत्तराधिकारी के चयन में भी मुसीबत आएगी। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपने सौ साल पूरे होने के दौरान शी चिनफिंग पर उतना ही विश्वास करती है, जितना पार्टी संस्थापक और वैचारिक नेता माओत्से तुंग पर निर्भर थी।

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पार्टी 1921 में स्थापित हुई थी और माओ के आने के बाद 1976 में मृत्यु तक पार्टी पर उनकी पकड़ बनी रही। साल 2018 में राष्ट्रपति पद पर दो कार्यकाल की भी सीमा समाप्त कर दी गई। इस तरह से शी चिनफिंग का इस नियम के हटने के बाद आजीवन राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ हो गया। उनके समर्थक यह दलील देते हैं कि वैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के चलते चिनफिंग देश की जरूरत बन गए हैं।

वहीं विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि यही स्थितियां आने वाले समय में दो कार्यकाल पूरा होने तक उत्तराधिकारी को लेकर समस्या पैदा कर देंगी। दरअसल पार्टी नेतृत्व के दूसरे कार्यकाल के दौरान सीपीसी के महासचिव के उत्तराधिकारी की घोषणा कर देने की परंपरा रही है। लेकिन मौजूदा परिस्थितियों को देखकर ऐसा लगता है कि शी चिनफिंग पार्टी के शासी निकाय में फेरबदल के दौरान शीर्ष नेता बने रहेंगे।

चूंकि अपने पूर्ववर्ती अध्यक्षों से उलट शी चिनफिंग ने 2017 में अपने पहले कार्यकाल के अंत में उत्तराधिकारी की घोषणा नहीं की। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल भी नए नेतृत्व के उभार की कम ही संभावना है। ऐसे में यदि प्रक्रिया स्पष्ट नहीं हुई तो जब बदलाव होगा तो चीजें बहुत जटिल हो जाएंगी। इसलिए कम्‍युनिष्‍ट पार्टी को उत्तराधिकार के संकट के समाधान के लिए नए और असरदार चेहरे को लाना जरूरी होगा।  


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