वायु सेना के आठ परिवहन विमानों से वुहान भेजी गई दवाईयां
चीन ने वायुसेना के 8 परिवहन विमानों में दवाएं भरकर उसे हुबेई प्रांत में भेज दिया है जिससे बीमारों के इलाज में मदद मिल सके।
बीजिंग। चीन में कोरोनावायरस से निपटने के प्रयास लगातार जारी है। सरकार इस वायरस से हो रही मौतों से खासी परेशान है और इस पर रोक लगाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए अब पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एयरफोर्स ने सोमवार को अपने 8 परिवहन विमानों में दवाईयां वुहान भेजी। इन विमानों में 676 सैन्य मेडिकलकर्मी भी हैं और काफी संख्या में दवाइयां हैं। चीन के घरेलू स्तर पर विकसित बड़े परिवहन विमान, चार Y-20s सहित आठ विमान वुहान तियानहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे हैं। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार ये विमान रवाना किए जा चुके हैं।
इससे पहले वाई-20 विमानों को हमेशा ही लड़ाई के मैदान में इस्तेमाल किया जाता रहा है। अब दुबारा से इनका इस्तेमाल इस तरह की किसी आपदा के समय किया गया है। 13 फरवरी को इन विमानों के माध्यम से दवाएं और डॉक्टर पहुंचाए जाने की बात कही गई थी। कोरोनावायरस के प्रकोप से चीन के निवासियों को बचाने के लिए ये काम किया गया है।
वायु सेना की ओर से अब तक चार बैचों में 30 परिवहन विमान भेजे गए हैं। उधर राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) ने एक बयान में कहा कि चीन में नए कोरोनोवायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग को 31 प्रांतों [क्षेत्रों और नगर पालिकाओं] से कोरोनोवायरस के कारण 72000 पुष्ट मामलों की जानकारी मिली थी। 12000 से अधिक लोग गंभीर हालत में हैं।
चीन में सामान्य डॉक्टरों के अलावा सेना के डॉक्टर भी इलाज के लिए वुहान और हुबेई भेजे गए हैं। सभी मिलकर कोरोना के मरीजों का इलाज करने में लगे हुए हैं। इससे पहले 2।,374 डॉक्टरों के साथ 181 लोगों को मेडिकल टीमों की सबसे बड़ी संख्या को वुहान शहर में भेजा गया था। यहीं से कोरोना फैलना शुरू हुआ था। फिलहाल 25 से अधिक देशों में कोरोना के मरीज पाए जा रहे हैं। कुछ देशों में तो इसकी वजह से संक्रमित लोगों की मौत भी हो चुकी है।
WHO ने भी कोरोना को काफी गंभीरता से लिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सलाहकार ने नए कोरोना वायरस के प्रसारण पर नजर रखने वाले लोगों को चेतावनी दी है कि दुनिया की दो तिहाई आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकती है। उनका कहना है कि जिस तरह से अब दुनिया के बाकी देशों में कोरोना के मरीज पाए जा रहे हैं उससे यही लग रहा है कि ये दुनिया की दो तिहाई आबादी को अपनी चपेट में लेगा। इस वजह से इसका बचाव किए जाने की तत्काल जरूरत है।