COVID-19: चीन में सरकार की ओर से Corona से हुई मौत के आंकड़ों पर अब उठने लगे सवाल
कई चीनियों ने मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या में भारी गिरावट का हवाला देते हुए दावा किया कि यह आंकड़ा ज्यादा हो सकता है। चीन में सभी खबरों और सूचनाओं पर सरकार का नियंत्रण होता है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। दुनिया भर के देश कोरोना वायरस का संक्रमण झेल रहे हैं और अपने यहां इससे बचाव के इंतजाम करने में लगे हुए हैं। भारत, ब्रिटेन और अमेरिका सहित दुनिया भर के देशों में लॉकडाउन की स्थिति है। जो जहां है उसे वहीं रहने के लिए कहा जा रहा है। सरकारें जरूरी मेडिकल सुविधाएं मुहैया करा रही हैं मगर वो भी पर्याप्त नहीं है।
भारत के तमाम राज्य लॉकडाउन है। कुछ प्रदेशों में कर्फ्यू भी लगा दिया गया है जिससे लोग अपने घरों में रह सकें। चीन के वुहान और हुबेई प्रांत से शुरू हुआ कोरोना ने अब पूरी दुनिया में दस्तक दे दी है, जिन देशों ने वायरस से उबरने के लिए पहले उपाय कर लिए हैं वहां तो आंकड़ा कम है मगर इसमें भी धीरे-धीरे बढ़ोतरी हो रही है।
चीन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिस हिसाब से युद्ध स्तर पर काम शुरू किया था, उसको देखते हुए यही कहा जा रहा है कि ये संक्रमण इतना हल्का नहीं था। ना ही इससे मरने वालों की संख्या इतनी कम रही होगी। भले ही सरकार ने अपनी फजीहत छिपाने के लिए आंकड़ों में खेल कर दिया हो मगर सच कुछ और ही होगा। हालात बहुत अधिक खराब हुए होंगे तभी नए अस्पताल बना दिए गए, सभी को घरों में कैद कर दिया गया। यदि वायरस का प्रकोप कम होता तो 24 घंटे चलने वाले शहरों में कभी लॉकडाउन की स्थिति नहीं बनती।
कोरोना से लड़ने के लिए किए थे युद्धस्तर पर इंतजाम
चीन में जैसे-जैसे कोरोना ने पैर पसारने शुरू किए, मौतों के आंकड़ें सामने आने लगे, उसी के बाद चीन ने युद्ध स्तर पर इसकी रोक के उपाय करने शुरू किए। 10 दिनों में 1000 बेड का अस्पताल बना दिया, जिम, स्टेडियम सहित अन्य जगहों पर अस्थायी तौर पर बेड लगाकर उन्हें अस्पताल में बदल दिया गया। वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कंपनियों को सिर्फ मास्क और सैनिटाइजर बनाने के लिए कहा गया। जिन दो शहरों से ये वायरस फैला था उन्हें दो माह तक पूरी तरह से बंद रखा गया। अब वहां के हालात सामान्य हुए हैं।
दस्तावेजों के जरिए सरकारी आंकड़ों पर उठ रहे सवाल
चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते हुई मौतों का जो आंकड़ा सामने आ रहा है, उस पर सवाल उठने लगे हैं। कई चीनियों ने मोबाइल फोन यूजर्स की संख्या में भारी गिरावट का हवाला देते हुए दावा किया कि यह आंकड़ा ज्यादा हो सकता है। उल्लेखनीय है कि चीन में सभी खबरों और सूचनाओं पर सरकार का नियंत्रण होता है।
चीन की सरकार ने वायरस से अब तक 3,270 लोगों की मौत और 81,093 लोगों के वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि की है। तीन महीने पहले मध्य चीन के वुहान शहर से कोरोना वायरस फैला था। कई चीनी नागरिकों ने वीडियो और दस्तावेजों के जरिये सरकारी आंकड़ों पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने दावा किया कि चीन में बीते तीन माह में 2.1 करोड़ मोबाइल फोन यूजर कम हो गए।
जनवरी में 8 लाख 62 हजार और फरवरी में 72 लाख उपभोक्ता कम हुए
चीन के 60 फीसद मोबाइल मार्केट पर नियंत्रण रखने वाली कंपनी चाइना मोबाइल ने बताया कि देश में फेशियल स्कैन अनिवार्य होने के बाद दिसंबर में 30.73 लाख नए उपभोक्ता जुड़े थे। लेकिन जनवरी में आठ लाख 62 हजार और फरवरी में 72 लाख उपभोक्ता कम हो गए। इसी तरह चाइना टेलीकॉम ने जनवरी में चार लाख तीस हजार और फरवरी में 56 लाख यूजर्स घटने की जानकारी दी।
दो करोड़ मोबाइल यूजरों की संख्या में हो गई कमी
न्यूयॉर्क में रहने वाली चीनी ब्लॉगर जेनिफर जेंग ने मोबाइल यूजर्स को लेकर गत 19 मार्च को जारी हुए चीन के सरकारी मासिक डाटा को सोशल मीडिया में पोस्ट किया है। इस डाटा के अनुसार, सेलफोन यूजर्स की संख्या 1.60 अरब से घटकर 1.58 अरब रह गई है।
मोबाइल यूजरों की इतनी कम हो गई संख्या को कोरोना से हुई मौतों से ही जोड़ा जा रहा है। कहा जा रहा है कि जिन लोगों की मौत हो गई उनके मोबाइल फोन बंद हो गए। इसी तरह लैंडलाइन यूजर्स का आंकड़ा 19.83 करोड़ से कम होकर 18.99 करोड़ रह गया है। जेंग ने इशारों में कहा कि ये अकाउंट कोरोना वायरस से हुई मौतों के कारण बंद हो सकते हैं।
चीन का दावा 89 फीसद मरीज हो गए ठीक
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ आयोग ने कहा है कि करीब 89 फीसद कोरोना पीड़ित ठीक हो चुके हैं। देश में एक दिन के अंतराल के बाद फिर कोई नया मामला सामने नहीं आया, जबकि नौ और पीड़ितों ने दम तोड़ दिया। अब चीन में दोबारा से कोरोना वायरस से पीड़ितों की संख्या में इजाफा होने लगा है। जो लोग दूसरे देशों में थे और वापस चीन पहुंच रहे हैं अब उनके सहारे कोरोना चीन पहुंच रहा है।
अमेरिका से संचालित स्वतंत्र मीडिया
ईपोक टाइम्स ने अपनी खबर में बताया है कि चीनियों के जीवन में सेलफोन कितना अहम है? चीनी मूल के अमेरिकी द्वारा संचालित इस अखबार ने बताया कि चीन में सरकार नियंत्रित उच्च स्तर पर संचार प्रौद्योगिकी की उपयोगिता है। चीन सरकार ने गत वर्ष एक दिसंबर को सेलफोन रखने के लिए फेशियल स्कैन अनिवार्य कर दिया था। अखबार ने चीन की सभी तीनों मोबाइल फोन सेवा प्रदाता कंपनियों के डाटा के हवाले से बताया कि गत दिसंबर में सेलफोन यूजर्स की संख्या में वृद्धि दर्ज की गई थी।