कोरोना वायरस के खिलाफ एक और वैक्सीन का आखिरी ट्रायल, 50 हजार लोगों पर टेस्ट
एक प्रभावी वैक्सीन बनाने की दौड़ में ब्रिटेन अमेरिका चीन रूस और भारत समेत दुनिया के कई देशों के वैज्ञानिक इस समय लगे हुए हैं।
बीजिंग, एएनआइ। दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच वैक्सीन को लेकर कई देशों के वैज्ञानिक काम कर रहे हैं। कोरोना वायरस के निजात के लिए एक प्रभावी वैक्सीन बनाने की दौड़ में ब्रिटेन, अमेरिका, चीन, रूस और भारत समेत कई देशों के वैज्ञानिक लगे हैं। इस बीच कोरोना वायरस के खिलाफ एक और वैक्सीन का तीसरे और आखिरी चरण का ट्रायल शुरू हो गया है। यह वैक्सीन चीन द्वारा विकसित की गई है। चीन ही वह देश हैं जहां कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आया था। चीन के वुहान के मीट मार्केट से कोरोना वायरस की उत्पत्ति मानी जाती है। इसके बाद यह वायरस पूरी दुनिया में फैल गया।
अब चीन इस खतरनाक वायरस के खिलाफ वैक्सीन तैयार करने में जुटा है। चीन में एक और कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम चरण में है। चीन के नेशनल बायोटेक ग्रुप (CNBG) द्वारा विकसित कोरोना वायरस वैक्सीन के तीसरे और अंतिम चरण के ट्रायल में लगभग 50,000 लोग भाग ले रहे हैं, कंपनी ने शनिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी।
कोरोना वायरस के खिलाफ चीन की सीएनबीजी(CNBG) वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में काफी तेजी है। फिलहाल इस वैक्सीन का बहरीन, UAE, मोरक्को, पेरू और अर्जेंटीना सहित कई देशों में ट्रायल पहले से ही चल रहे हैं, जिसमें 50,000 लोग भाग ले रहे हैं। मीडिया ने जुलाई में बताया कि CNBG के वैक्सीन के चरण 3 का ट्रायल उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान में आयोजित किया जाएगा।
बता दें कि एक और चीनी टीका सिनोवैक कंपनी द्वारा विकसित किया गया है। इसका ट्रायल भी अपने तीसरे चरण में है।
वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी
चीन में कोरोना वायरस की एक वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है। सिनोवैक बायोटेक लिमिटेड(Sinovac Biotech Ltd.) की कोरोना वैक्सीन को जुलाई में मंजूरी दे दी गई है। सिनोवैक की कोरोना वैक्सीन कोरोनावैक(CoronaVac) के इमरजेंसी में इस्तेमाल को मंजूरी दे दी गई है।