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चीन: नवंबर में ही सामने आ जाता कोरोना वायरस का पहला मामला, पिछले साल ही संक्रमित हो गए थे 266 लोग

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के हुबई प्रांत में सबसे पहला कोरोना वायरस का मामला सामने आया था।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 03:18 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 03:18 PM (IST)
चीन:  नवंबर में ही सामने आ जाता कोरोना वायरस का पहला मामला, पिछले साल ही संक्रमित हो गए थे 266 लोग
चीन: नवंबर में ही सामने आ जाता कोरोना वायरस का पहला मामला, पिछले साल ही संक्रमित हो गए थे 266 लोग

नई दिल्ली, पीटीआइ।  कोरोना वायरस से जहां पूरी दुनिया के करीब 124 देश प्रभावित है। शुक्रवार को जारी एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसका सबसे पहला मामला पिछले साल 17 नवंबर को चीन के हुबेई प्रांत में सामने आया था। यहीं से बाद में कई और मामले भी सामने आए। चीनी अधिकारियों ने अब तक कम से कम 266 लोगों की पहचान की है जो 2019 में संक्रमित थे।

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हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने बताया कि सभी 266 व्यक्ति चिकित्सा निगरानी में थे। सरकारी आंकड़ों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि COVID-19 से पीड़ित चीन के पहले मामले का 17 नवंबर को पता लगाया जा सकता था। 

हुबेई प्रांत का एक 55 वर्षीय व्यक्ति पिछले साल 17 नवंबर को वायरल संक्रमण होने वाला पहला व्यक्ति हो सकता है।  तब से तेजी से मामले सामने आने लगे थे, हालांकि, इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि वह महिला थी या पुरुष बिना जेंडर बताए इसका खुलासा किया गया था। हुबई प्रांत 23 जनवरी तक कोरोनवायरस के लिए एक युद्ध का मैदान बन गया। चीन में अब तक COVID-19  कोरोना वायरस के कुल 67,786 मामलों की पुष्टि की गई है।  स्थानीय स्वास्थ्य आयोग ने शुक्रवार को कहा कि हुबेई की राजधानी वुहान, ग्राउंड ज़ीरो, में अब तक 49,991 पुष्ट मामले दर्ज किए गए हैं, जिसमें 2,436 मौतें शामिल हैं।

पोस्ट रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों को COVID -19 के प्रारंभिक पैटर्न को मैप करने की कोशिश की गई। क्योंकि, जनवरी में आते-आते यह एक महामारी के रुप में फैल गया था।  फैलने के दो महीने पहले एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट बन गया था। वैज्ञानिक ये समझना चाहते थे कि आखिर ये बीमारी फैली कैसे। 17 नवंबर के बाद से रोजाना 15 मामले सामने आ रहे है। 15 दिसंबर तक ये आंकड़ा बढ़कर 17 हो गया था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 20 दिसंबर तक पुष्ट मामलों की संख्या 60 हो गई थी। 

27 दिसंबर को चीनी और पश्चिमी चिकित्सा के हुबेई प्रांतीय अस्पताल के एक डॉक्टर झांग जिक्सियन ने चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों को बताया कि यह बीमारी एक कोरोनोवायरस के कारण हुई थी।


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