कोरोना का खौफ: चीन ने वन्यजीव के व्यापार पर लगाया पूरी तरह से प्रतिबंध
चीन ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए अब यहां वन्यजीवों के व्यापार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।
नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना वायरस के चलते चीन ने शनिवार से पूरे देश में वन्यजीव के व्यापार पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल इससे पहले ये खबर आई थी कि यहां पर जंगली जानवरों के व्यापार और उनके सेवन की वजह से ही कोरोना वायरस का फैलाव हुआ है।
कई वेबसाइटों पर इस तरह की खबरें भी प्रकाशित हुई। ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इस बात को गंभीरता से लेते हुए प्रशासन ने यहां पर इसे पूरी तरह से बैन कर दिया है। कुछ समय के बाद जानवरों से कोरोना वायरस के फैलने की बात सामने आने के बाद लोगों ने अपने घरों में पालतू जानवरों को भी मारना शुरू कर दिया था। वो उनको बहुमंजिला इमारतों से नीचे फेंक दे रहे थे। कई जगहों पर ऐसे जानवर लावारिस मृत पाए गए जिससे इस बात की पुष्टि भी हुई थी।
मालूम हो चीन के वुहान का मीट मार्केट यहां का सबसे बड़ा मार्केट है। इस मीट मार्केट में हर तरह के जंगली जानवरों की बिक्री होती है। मार्केट में आकर लोग अपने मनचाहे जानवरों की मांस आदि खरीदकर ले जाते हैं और उसे पकाकर खाते हैं। कुछ लोग जंगली जानवरों का सूप पीने के लिए भी उन्हें ले जाते हैं। इनमें चमगादड़, मोर जैसे तमाम तरह के जानवर शामिल हैं।
मीट मार्केट का अर्थव्यवस्था में बड़ा रोल
एक बात ये भी कही जाती है कि चीन की अर्थव्यवस्था में इस बाजार का एक बड़ा रोल है। इस मार्केट से चीन को काफी रेवेन्यू भी मिलता है। इसी बाजार की आड़ में जंगली जानवरों के अवैध कारोबार भी किए जाते हैं। चीन में कोरोना वायरस के फैलने के बाद एक बात ये भी कही गई कि कोरोना वायरस का फैलाव यहां पर अवैध रूप से चल रहे जानवरों के बाजार की वजह से हुआ है।
इस पर सरकार किसी तरह से अंकुश नहीं लगा पाई जिसकी वजह से ये फैलता चलता गया। अब ये दुनिया भर में फैल चुका है। अब तक 722 लोग इस वायरस की चपेट में आकर अपनी जान भी गंवा चुके हैं।
कहां-कहां पाए गए सड़क पर मरे हुए जानवर
चीन के हेबै प्रांत के तियानजिन शहर में एक पालतू कुत्ते के ऊंचे टावरों से फेंक दिया गया जिसके कारण उसकी मौत हो गई। सड़क पर पालतू कुत्ते को मृत पाया गया, उसके पास खून भी बिखरा हुआ मिला। इसी तरह से शंघाई में 5 बिल्लियों को भी ऊंचे टावरों से फेंककर मार दिया गया।
स्थानीय लोगों का कहना था कि अब तक जो लोग इन जानवरों को अपने घरों में अपने बिस्तरों पर रखकर उन्हें पाल रहे थे, अब उन्हें ऊंटे टावर की बालकनी से फेंककर मौत के घाट उतार दे रहे हैं। इन जानवरों की स्थिति को देखने से ही साफ हो जाता है कि ये पालतू ही थे क्योंकि इनकी स्थिति सड़क पर घूमने वाले आवारा जानवरों से एकदम अलग दिखाई पड़ जाती है।