चीन के कैदी क्रिसमस कार्ड के संदेश के जरिए मांग रहे मदद, 6 साल की बच्ची ने कार्ड खोला तो रह गई दंग
क्रिसमस के मौके पर लंदन की 6 साल की बच्ची को एक कार्ड मिला जिसमें चीन के कैदियों की ओर से मदद मांगी गई है।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। चीन के कैदी अब क्रिसमस कार्ड के जरिए मदद के संदेश भेज रहे हैं जिससे उनकी मदद हो सके और उनकी बात मानवाधिकार संस्था तक पहुंच सके। एक ऐसा ही कार्ड लंदन में एक 6 साल की बच्ची के हाथ में आया है। जब उस बच्ची ने क्रिसमस का कार्ड खोला तो उसमें हजारों किलोमीटर दूर से भेजी गई मदद की गुहार पढ़ने को मिली। ये क्रिसमस कार्ड संदेश चीन से ब्रिटेन पहुंचा हैं।
बच्ची ने खोला कार्ड तो दिखा संदेश
ब्रिटेन के संडे टाइम्स अखबार के मुताबिक 6 साल की फ्लोरेंस विडिकोंबे ने जब सैंटा की टोपी पहने बिल्ली के बच्चे वाला कार्ड खोला तो उसके अंदर एक संदेश लिखा हुआ था। कार्ड में लिखा था कि हम चीन के शंधाई के किंग्पू जेल के विदेशी कैदी हैं। हमारी इच्छा के विरुद्ध हमसे काम कराया जा रहा है, कृपया हमारी मदद करें और मानवाधिकार संस्था को भी सूचित कर दें। कार्ड के जरिए मदद की गुहार लगाने वाले लोगों के मुताबिक वो शंघाई के किंग्पू जेल के विदेशी कैदी हैं। मामला सामने आने के बाद ब्रिटेन की सबसे बड़ी रिटेलर कंपनी टेस्को ने चीन के कारखाने से उत्पादन करने का एलान कर दिया।
कौन है रिपोर्टर हमफ्री
जिस कार्ड ने ब्रिटेन में चीन में कैदियों पर हो रही नाइंसाफी की कलई खोल दी, उस कार्ड के संदेश के आखिर में लिखा था "पीटर हमफ्री" से संपर्क किया जाए। हमफ्री ब्रिटेन के पूर्व पत्रकार और कॉर्पोरेट फ्रॉड जांचकर्ता रह चुके हैं जिन्होंने किंग्पू में नौ महीने बिताए हैं। जिस छह साल की छात्रा को यह चैरिटी कार्ड मिला था, उसके पिता ने हमफ्री को नेटवर्किंग साइट लिंक्डइन के जरिए संपर्क किया जिसके बाद हमफ्री ने जेल के कई पूर्व कैदियों से संपर्क साधा। इन लोगों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन में विदेशी कैदी टेस्को के लिए कार्ड पैक करते हैं।
हमफ्री चीन से हो चुके हैं डिपोर्ट
हमफ्री और उनकी अमेरिकन पत्नी पर चीन ने 2013 में लोगों की निजी जानकारी गैरकानूनी तरीके से हासिल करने का आरोप लगाया था। 2014 में दोनों को दोषी करार दिया गया और 2015 में दंपत्ति को चीन से डिपोर्ट कर दिया। हमफ्री ने कहा यह कार्ड किसने लिखा है, वह उनको नहीं पहचानते लेकिन उन्हें पूरा विश्वास है कि यह कार्ड किंग्पू जेल के उन कैदियों ने लिखा था जहां वह 2015 में रिहाई से पहले 23 महीने रहे थे। चैरिटी कार्ड क्रिसमस के समय ब्रिटेन में लोकप्रिय हैं, यह अक्सर बहुत कम कीमत पर बेचे जाते हैं।
टेस्को की सफाई
क्रिसमस कार्ड के जरिए आए मदद के संदेश वाले मामले पर टेस्को के प्रवक्ता ने कहा कि हम जेल के कैदियों से कराए गए श्रम के खिलाफ हैं, हमारा विभाग ऐसी आपूर्ति को कभी अनुमति नहीं देता। साथ ही कंपनी ने कहा कि जिस कारखाने में यह कार्ड बने थे, उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई है, इस कारखाने के बने कार्डों को भी बिक्री से हटा लिया गया है। टेस्को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी सुपरमार्केट चेन है। भारत सहित चीन और आयरलैंड जैसे देशों से इसका परिचालन होता है।
टेस्को के एशिया में 35 सोर्सिंग प्रबंधक
इस मामले में टेस्को की ओर से सफाई दी गई है। टेस्को ने सफाई देते हुए यह भी कहा कि टेस्को के एशिया में 35 सोर्सिंग प्रबंधक हैं जो हर फैक्ट्री में जाकर यह सुनिश्चित करते हैं कि वहां काम करने के लिए उचित स्थिति है या नहीं। चीन के पूर्वी क्षेत्र की झेजियांग युनगुआंग प्रिंटिग प्रेस में यह कार्ड प्रिंट हुए हैं।
टेस्को की प्रवक्ता ने कंपनी के बचाव में सफाई देते हुए का कहना है कि नवंबर में स्वतंत्र ऑडिट कराया गया था। इस ऑडिट में ऐसे कोई प्रमाण नहीं मिले हैं जिसमें कैदियों से काम कराने की पुष्टि हुई हो। अगर ऐसा कोई प्रमाण जांच के बाद मिलता है तो कारखाने को स्थाई रूप से डी लिस्ट कर दिया जाएगा।