कम्युनिस्ट पार्टी के वफादार करें चीनी सेना का नेतृत्व, चिनफिंग देश में बढ़ रही अस्थिरता को लेकर किया आगाह
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Chinese President Xi Jinping) ने कहा कि चीनी सेना की अगुआई कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार भरोसेमंद लोगों को करना चाहिए। हमें कर्मियों को नियुक्त और उनका मूल्यांकन करते समय राजनीतिक सत्यनिष्ठा पर बल देना चाहिए।
बीजिंग, एजेंसी। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने आगाह किया है कि देश राष्ट्रीय सुरक्षा में बढ़ रही अस्थिरता और अनिश्चितता का सामना कर रहा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि विश्व के सबसे बड़े सशस्त्र बल पर अपना 'पूर्ण नेतृत्व' सुनिश्चित करने के लिए चीनी सेना की अगुआई कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति वफादार 'भरोसेमंद लोगों' को करना चाहिए। नए युग में सेना को मजबूत करने की रणनीति पर आयोजित एक अध्ययन सत्र में गुरुवार को शी ने यह टिप्पणी की।
चिनफिंग ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक अगस्त को मनाए जाने वाले 95वें स्थापना दिवस से पहले सैन्य कर्मियों को बधाई दी। 20 लाख कर्मियों वाली पीएलए विश्व में सबसे बड़ी सेना है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, शी ने कहा, 'हमें कर्मियों को नियुक्त और उनका मूल्यांकन करते समय राजनीतिक सत्यनिष्ठा पर बल देना चाहिए।' उन्होंने जोर कर कहा कि सशस्त्र बलों का नेतृत्व सदा ही ऐसे विश्वसनीय लोगों द्वारा किया जाना चाहिए जो पार्टी के प्रति वफादार हों।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Chinese President Xi Jinping) ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया अस्थिरता और परिवर्तन के एक नए दौर में दाखिल हो गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में चीन भी बढ़ती अस्थिरता और अनिश्चितता का सामना कर रहा है।
गौरतलब है की अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (संसद के निम्न सदन) की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के ताइवान का दौरा करने वाली हैं। चीनी राष्ट्रपति (Xi Jinping) के बयान को ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में देखा जा रहा है। चीन ताइवान पर अपना हक जताता है। वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक बीते चार साल में चीन की वैश्विक छवि लगातार धूमिल हुई है। चीन की छवि अमेरिका, जापान, अफ्रीका और पूर्व यूरोपीय देशों में बिगड़ी है। यही कारण है कि चीन के साथ दुनिया के प्रमुख देश सहयोग बढ़ाने में कतराने लगे हैं।