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भारतीय विदेश सचिव की नेपाल यात्रा के बाद आज काठमांडू पहुंचेंगे चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही, भारत की पैनी नजर

चीन के रक्षा सचिव चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही रविवार को नेपाल पहुंचे। नका यह दौरा भले ही एक दिन का हो लेकिन भारत की इस पर पैनी नजर है। नेपाल के बाद वेई बांग्‍लादेश और पाकिस्‍तान के लिए रवाना होंगे। दिया है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sun, 29 Nov 2020 03:29 PM (IST)Updated: Sun, 29 Nov 2020 03:33 PM (IST)
भारतीय विदेश सचिव की नेपाल यात्रा के बाद आज काठमांडू पहुंचेंगे चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगही, भारत की पैनी नजर
चीन के रक्षा सचिव चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही रविवार को नेपाल पहुंचे। फाइल फोटो।

काठमांडू, एजेंसी। भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की नेपाल यात्रा के दो दिन बाद चीन के रक्षा सचिव चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही रविवार को नेपाल पहुंचेंगे। उनका यह दौरा भले ही एक दिन का हो, लेकिन भारत की इस पर पैनी नजर है। बता दें कि अक्‍टूबर 2019 में राष्‍ट्रपति शी जिनफ‍िंग की नेपाल की यात्रा के बाद पिछले एक वर्ष में काडमांडू जाने वाले चीनी अधिकारियों का तांता लगा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेपाल के बाद वेई बांग्‍लादेश और पाकिस्‍तान के लिए रवाना होंगे। उधर, नेपाल के विदेश मंत्रालय ने वेई की यात्रा को एक कामकाजी यात्रा करार दिया है। चीनी रक्षा मंत्री की नेपाल यात्रा पर भारत की खास दिलचस्‍पी होगी। ऐसे भारत की इस यात्रा पर पैनी नजर होगी।

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अपने एक दिवसीय यात्रा के दौरान वेई नेपाल की राष्‍ट्रपति बिध्‍या देवी भंडारी, प्रधानमंत्री केपी शर्मा और नेपाल के चीफ ऑफ आर्मी स्‍टाफ जनरल पूर्ण चंद्र थापा से मुलाकात करेंगे। चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही रविवार की शाम काठमांडू के लिए रवाना होंगे। नेपाली विशेषज्ञों और विदेश नीति के पर्यवेक्षकों ने कहा है कि वेई की यह यात्रा नेपाल के लिए बेहद सार्थक और उपयोगी होगी। उनकी यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब नेपाल में कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की सरकार है। उम्‍मीद की जा रही है कि दोनों देशों के बीच चीन की बेल्‍ट एंड रोड इनिशिएटिव की मंद प्र‍गति पर चर्चा होगी। गौरतलब है कि भारत-अमेरिका के बीच सामरिक समझौते के बाद चीन ने दक्षिण एशियाई मुल्‍कों की तरफ रुख किया है।

दो दिन पूर्व भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला का दौरा काफी महत्वपूर्ण था। गौरतलब है कि कुछ दिन पूर्व चीन के बहकावे में आकर नेपाल ने अपना नया नक्शा जारी किया था। इस नक्‍शे को लेकर भारत ने अपनी आपत्ति जाहिर की थी। उसने लिपुलेख, कालापानी और लिम्पलीयाधुरा इस नक्शे में दिखाकर उस पर अपना दावा किया था। उन्होंने इस दौरे के दौरान गोरखा और मनांग जिलों में भारतीय सहायता के साथ पूरी की गई चार विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया। इससे पहले भारतीय सेना के प्रमुख एमएम नरवणे तीन दिवसीय दौरे पर नेपाल आए थे। दोनों की नेपाल यात्रा से चीन बेचैन हो गया और यही कारण है कि वह अपने रक्षा मंत्री को नेपाल भेज रहा है।


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