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चीन 2020 में लॉन्च करेगा Beidou-3 सैटेलाइट्स, अमेरिकी GPS का विकल्प करेगा तैयार

चीन अपने Beidou-3 मैपिंग सिस्टम के अंतिम दो उपग्रहों को 2020 में लॉन्च करने जा रहा है वह इन्हें अमेरिकी जीपीएस के विकल्प के रूप में तैयार कर रहा है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sat, 28 Dec 2019 10:59 AM (IST)Updated: Sat, 28 Dec 2019 11:47 AM (IST)
चीन 2020 में लॉन्च करेगा Beidou-3 सैटेलाइट्स, अमेरिकी GPS का विकल्प करेगा तैयार
चीन 2020 में लॉन्च करेगा Beidou-3 सैटेलाइट्स, अमेरिकी GPS का विकल्प करेगा तैयार

बीजिंग, आइएएनएस। चीन 2020 में अपने Beidou-3 मैपिंग सिस्टम के अंतिम दो उपग्रहों को लॉन्च करेगा, जो अमेरिकी जीपीएस सिस्टम का एक विकल्प है। चीनी अधिकारियों की ओर से इसकी घोषणा की गई है।समाचार एजेंसी एफे की रिपोर्ट के अनुसार, सिस्टम को विकसित करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी के एक प्रवक्ता रान चेंगकी ने शुक्रवार को मीडिया को बताया कि दोनों उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च किया जाएगा।

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चीन ने साल 2019 में दस Beidou उपग्रहों को अंतरिक्ष में लॉन्च किया है। उन्होंने कहा कि 2035 तक एक नया नेविगेशन सिस्टम अधिक सर्वव्यापी, एकीकृत और बुद्धिमान Beidou स्थापित किया जाएगा।Beidou-3 नैविगेशन प्रणाली दिसंबर 2012 से चीन और एशिया-प्रशांत क्षेत्र के कुछ हिस्सों में चल रही है और इसने दिसंबर 2018 में दुनियाभर में काम करना शुरू कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, सिस्टम की सटीकता मार्जिन पांच मीटर से कम है।

चीन ने जीपीएस सिस्टम पर अपनी निर्भरता खत्म करने के लिए 2000 में अपना खुद का सैटेलाइट नेविगेशन सिस्टम बनाना शुरू किया और इसे Beidouकहने का फैसला किया, एक नाम जो प्राचीन चीनी खगोलविदों ने बिग डिपर या प्लॉ तारामंडल के सात सबसे चमकीले सितारों को दिया था।

Beidou नेविगेशन नेटवर्क की चार अंतरिक्ष परियोजनाओं में से एक है, इसके साथ अमेरिका का जीपीएस, यूरोपीय संघ से गैलीलियो और रूस से ग्लोनास शामिल है।

इससे पहले शुक्रवार को चीन ने अपने सबसे उन्नत और सबसे भारी नैविगेशन सैटेलाइट को अंतरिक्ष में छोड़ा। चीन के सबसे बड़े रॉकेट लांग मार्च-5 के द्वारा इस उपग्रह को अंतरिक्ष के लिए रवाना किया गया। इस रॉकेट के जिए दूर अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने में सहायता मिलेगी।

लांग मार्च-5 चीन का सबसे ताकतवर रॉकेट है। यह 25 हजार किलो का वजन लेकर पृथ्वी की नजदीकी कक्षा तक पहुंच सकता है, जबकि 14 हजार किलो वजन लेकर दूरस्थ कक्षा में जा सकता है। इस बड़े सैटेलाइट लॉन्च के बाद चीन मंगल पर जाने की योजना बना रहा है। मंगल ग्रह के लिए चीन 2020 में उपग्रह छोड़ेगा।

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