Move to Jagran APP

उइगर कवि की हिरासत में मौत का चीन ने तुर्की के दावे का किया खंडन, जारी किया वीडियो

चीन ने तुर्की के उस दावे का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि उइगर कवि और संगीतकार अब्दुर्रहीम हेत की हिरासत में मौत हो गई है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 05:53 PM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 05:53 PM (IST)
उइगर कवि की हिरासत में मौत का चीन ने तुर्की के दावे का किया खंडन, जारी किया वीडियो
उइगर कवि की हिरासत में मौत का चीन ने तुर्की के दावे का किया खंडन, जारी किया वीडियो

बीजिंग, रायटर। चीन ने तुर्की के उस दावे का खंडन किया है जिसमें कहा गया था कि उइगर कवि और संगीतकार अब्दुर्रहीम हेत की हिरासत में मौत हो गई है। तुर्की ने उइगर कवि की मौत पर कहा था कि चीन में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है और उइगर समुदाय के लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। चाइना रेडियो इंटरनेशनल तुर्की भाषा ने रविवार को 26 सेकेंड का एक वीडियो जारी कर कहा कि हेत अभी जिंदा हैं और वे बिल्कुल स्वस्थ्य हैं।

loksabha election banner

चाइना रेडियो इंटरनेशनल की तरफ से जारी वीडियो में एक शख्स कह रहा है कि मैं अभी जिंदा हूं और मेरे साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया है। वीडियो में दिख रहे शख्स ने कहा है कि मैं कानून का उल्लंघन किया हूं जिसकी जांच चल रही है। हालांकि समाचार एजेंसी रायटर ने इस वीडियो में दिख रहे शख्स अब्दुर्रहीम हेत ही हैं इसकी पुष्टि नहीं की है। 

तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हमी अक्सोया ने शनिवार को कहा था कि, 'उइगरों के प्रति चीनी अधिकारियों की सुनियोजित नीति मानवता को शर्मसार करने वाली है। अब यह कोई राज नहीं रहा है कि हिरासत केंद्रों में दस लाख से अधिक उइगर यातना का सामना कर रहे हैं और उनका मत परिवर्तन किया जा रहा है।' तुर्की ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरस से अपील की है कि वे शिनजियांग में व्याप्त इस मानव त्रासदी पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

चीन ने अपने पश्चिमोत्तर क्षेत्र में हिंसा और तनाव बढ़ने के बाद उइगर अल्पसंख्यकों के खिलाफ सख्त रवैया अपनाया है। इन पर नजर रखने के साथ ही कई तरह की बंदिशें भी लगाई गई हैं। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक समिति के अनुसार, करीब दस लाख उइगरों और तुर्की बोलने वाले दूसरे अल्पसंख्यकों को हिरासत केंद्रों में रखा गया है। आलोचकों का कहना है कि चीन अल्पसंख्यक समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का दमन कर रहा है। हालांकि चीन इन आरोपों से इन्कार करता रहा है। वह इन हिरासत केंद्रों को व्यावसायिक शिक्षा केंद्र बताता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.