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न्यूक्लियर प्लांट मामले के पीछे पांच क्षतिग्रस्त फ्यूल रॉड, चीन के पर्यावरण मंत्रालय ने दी सफाई

गुआंगदोंग प्रांत के टाइशन न्यूक्लियर पावर प्लांट के नंबर 1 रिएक्टर के भीतर रेडिएशन हुआ लेकिन इसे सुनियोजित तौर पर काम करने वाले बैरियर के जरिए रोक लिया गया। यह जानकारी चीन के पर्यावरण मंत्रालय ने दी है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 02:20 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 04:36 PM (IST)
न्यूक्लियर प्लांट मामले के पीछे पांच क्षतिग्रस्त फ्यूल रॉड, चीन के पर्यावरण मंत्रालय ने दी सफाई
रेडिएशन लीकेज से चीन का इनकार, कहा- क्षतिग्रस्त हुए थे न्यूक्लियर फ्यूल रॉड

बीजिंग, एपी।  दक्षिणी चीन में न्यूक्लियर पावर स्टेशन में रेडिएक्टिव गैस के बनने के पीछे कुछ क्षतिग्रस्त फ्यूल रॉड हैं। यह जानकारी चीनी अधिकारियों ने बुधवार को दी और बताया कि यह चिंता का विषय नहीं है। इस सप्ताह की शुरुआत में CNN ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया था जिसमें बताया गया था कि अमेरिकी सरकार टाइशन प्लांट में लीकेज की रिपोर्ट की जांच कर रही है। चीन के पर्यावरण मंत्रालय और नेशनल न्यूक्लियर सेफ्टी एडमिनिस्ट्रेशन ने संयुक्त बयान जारी कर बताया कि दो प्लांट में से एक में तेज रेडियोएक्टीविटी का कारण पांच क्षतिग्रस्त फ्यूल रॉड हैं। 

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चीन के पर्यावरण मंत्रालय ने किसी तरह के लीकेज से इनकार किया और कहा, ‘पर्यावरण में रेडियोएक्टिव लीकेज की कोई समस्या नहीं है।'  हांगकांग के निकट चीन के न्यूक्लियर प्लांट की सुरक्षा पर उठाए गए सवालों के बीच देश की सरकार ने बुधवार को जानकारी दी कि रिएक्टर में पांच टूटे हुए ईंधन के रॉड हैं। गुआंगदोंग प्रांत के टाइशन न्यूक्लियर पावर प्लांट के नंबर 1 रिएक्टर के भीतर रेडिएशन हुआ, लेकिन इसे सुनियोजित तौर पर काम करने वाले बैरियर के जरिए रोक लिया गया। यह जानकारी यहां के पर्यावरण मंत्रालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए दी।

हांगकांग सरकार ने कहा कि यह प्लांट की निगरानी कर रहा था। साथ ही गुआंगदोंग में अधिकारियों से इस मामले में पूछताछ की। दरअसल इसके फ्रांसीसी सहयोगी ने सोमवार को रिएक्टर में नोबल गैसों के बढ़े स्तर के बारे में बताया था। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, अब अमेरिका इस रिसाव का हिसाब ले रहा है, क्योंकि रेडियोएक्टिव तत्वों के कारण भारी तबाही हो सकती है और हवा के विषैले होने पर पड़ोसी देशों तक असर हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि फ्यूल रॉड टूट गई और रेडियोएक्टिव गैस लीक होने लगी।

टाइशन प्लांट में कमर्शियल काम की शुरुआत 2018 के दिसंबर में हुई थी। इसके बाद दूसरे रिएक्टर की शुरुआत 2019 के सितंबर में की गई।  बता दें कि चीन ने फ्रांस की एक कंपनी के साथ मिलकर इस न्यूक्लियर प्लांट का निर्माण किया था। ईडीएफ नामक फ्रांसीसी कंपनी व इस कंपनी की परमाणु प्लांट में 30 फीसद हिस्सेदारी है। परमाणु प्लांट से रेडिएशन के बारे में फ्रांसीसी कंपनी ने जानकारी दी और अमेरिका से मदद मांगी। फ्रांस की कंपनी ने 4 दिन पहले ही इस बारे बताया था लेकिन चीन ने फ्रांसीसी कंपनी की इस बात को खारिज कर दिया।


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