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चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन‌ की Covid-19 उत्पत्ति की जांच योजना को किया खारिज

कोरोनोवायरस की उत्पत्ति की जांच के दूसरे चरण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन के आगे प्रस्ताव रखा। जिस जांच में वुहान शहर में प्रयोगशालाओं और बाजारों के ऑडिट शामिल हैं उसे चीन ने गुरुवार को खारिज कर दिया।

By Ashisha SinghEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 12:26 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 12:26 PM (IST)
चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन‌ की Covid-19 उत्पत्ति की जांच योजना को किया खारिज
चीन ने किया विश्व स्वास्थ्य संगठन‌ की Covid 19 उत्पत्ति की जांच योजना को खारिज

बीजिंग, रायटर। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से चारों तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई है। कोरोना वायरस के कारण कई देशों का दृश्य मरघट सा देखने को मिला तो कई देशों की स्वास्थ्य प्रणाली पर वायरस का बुरा असर पड़ा। कुछ देशोंं का मानना है कि कोरोनावायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर से हुई उसकी उत्पत्ति की जांच के दूसरे चरण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन के आगे प्रस्ताव रखा। जिस जांच में वुहान शहर में प्रयोगशालाओं और बाजारों के ऑडिट शामिल हैं, जिसमें अधिकारियों से पारदर्शिता की मांग की गई, चीन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन‌ की Covid-19 उत्पत्ति की जांच योजना को खारिज कर दिया है।

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दूसरे चरण की जांच को राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने किया अस्वीकार
चीन ने गुरुवार को डब्ल्यूएचओ की कोरोनोवायरस की उत्पत्ति की जांच के दूसरे चरण को खारिज कर दिया, ऐसे में सबकी यही परिकल्पना बन रही की चीन जांच से बच रहा है। बता दें कि शीर्ष स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने इस महीने चीन में कोरोनो वायरस की उत्पत्ति के अध्ययन के दूसरे चरण का प्रस्ताव रखा, जिसमें वुहान शहर में प्रयोगशालाओं और बाजारों के ऑडिट शामिल हैं, जिसमें अधिकारियों से पारदर्शिता की मांग की गई है। जिससे जांच प्रक्रिया में कोई बाधा ना आए।

इस पर प्रतिउत्तर देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) के उप मंत्री ज़ेंग यिक्सिन ने संवाददाताओं से कहा, 'हम इस तरह की उत्पत्ति-अनुरेखण योजना को स्वीकार नहीं करेंगे, क्योंकि यह कुछ पहलुओं में सामान्य ज्ञान की अवहेलना करता है और विज्ञान की अवहेलना करता है।' ज़ेंग यिक्सिन ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि जब उन्होंने पहली बार डब्ल्यूएचओ की योजना पढ़ी तो वह चकित रह गए, क्योंकि यह इस परिकल्पना को सूचीबद्ध करता है कि प्रयोगशाला प्रोटोकॉल के चीनी उल्लंघन ने शोध के दौरान वायरस को लीक कर दिया था। ज़ेंग ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि डब्ल्यूएचओ चीनी विशेषज्ञों द्वारा दिए गए विचारों और सुझावों की गंभीरता से समीक्षा करेगा और वास्तव में कोविड-19 वायरस के मूल अनुरेखण को एक वैज्ञानिक मामले के रूप में मानेगा और राजनीतिक हस्तक्षेप से छुटकारा दिलाएगा।'

आपको बता दें इस पूरे मामले की शुरुआत दिसंबर 2019 से शुरू हुई जब विशेषज्ञों के बीच वायरस की उत्पत्ति को लेकर विवाद शुरू हुआ। कोरोना वायरस का पहला ज्ञात मामला दिसंबर 2019 में मध्य चीनी शहर वुहान में सामने आया था। माना जाता है कि यह वायरस शहर के एक बाजार में भोजन के लिए बेचे जा रहे जानवरों से मनुष्यों में आया था। जिसके बाद से पूरी दुनिया की नजर चीन से आए इस वायरस की जांच पर टिकी हुई है।

फिलहाल कोविड-19 की उत्पत्ति की जांच के दूसरे चरण में चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के उप मंत्री ज़ेंग यिक्सिन ने समाचार सम्मेलन में अन्य अधिकारियों और चीनी विशेषज्ञों के साथ, डब्ल्यूएचओ से चीन से परे अन्य देशों में मूल-अनुरेखण प्रयासों का विस्तार करने का आग्रह किया। 


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