Move to Jagran APP

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग का आदेश- वास्तविक युद्ध की स्थितियों में प्रशिक्षण ले सेना

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को चीनी को वास्तविक युद्ध की परिस्थितियों में प्रशिक्षण को मजबूत बनाने और युद्ध जीतने की क्षमता बढ़ाने का आदेश दिया। चीनी की कम्युनिस्ट पार्टी 2027 तक अमेरिकी सेना की तर्ज पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) बनाने की योजना बना रही है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 26 Nov 2020 07:42 AM (IST)Updated: Thu, 26 Nov 2020 07:42 AM (IST)
चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सेना को दिए आदेश। (फोटो: दैनिक जागरण)

बीजिंग, प्रेट्र। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने बुधवार को सशस्त्र बलों को आदेश दिया कि वे वास्तविक युद्ध स्थितियों में प्रशिक्षण को मजबूत बनाएं और युद्ध जीतने की अपनी क्षमता में इजाफा करें। बताते चलें कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) को 2027 तक अमेरिकी सेना के समकक्ष बनाने की योजना बनाई है।

loksabha election banner

67 वर्षीय चिनफिंग राष्ट्रपति होने के साथ-साथ सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के चेयरमैन भी हैं। सीएमसी देश की 20 लाख जवानों-अधिकारियों वाली सेना की सर्वोच्च कमान है। सीएमसी की बैठक को संबोधित करते हुए चिनफिंग ने सेना को मजबूत बनाने के लिए पार्टी की विचारधारा और नए दौर की सैन्य रणनीति लागू करने पर बल दिया।

उन्होंने तेजी से नए तरीके की सैन्य प्रशिक्षण प्रणाली स्थापित करने, नए दौर के लिए ज्यादा मजबूत सशस्त्र बलों के निर्माण के पार्टी के लक्ष्य को हासिल करने और सशस्त्र बलों को विश्वस्तरीय सेना के रूप में विकसित करने का आह्वान किया।

चीन में अच्छी नौकरियों का गुब्बारा फूटा

चीन की वामपंथी सरकार देश में आर्थिक उन्नति और तेज विकास का खोखला दावा करते हुए चीनी युवाओं के लिए नए अवसर होने की बात कह रही है। जबकि आमतौर पर देखा जा रहा है कि चीन में उनके रोजगार के अवसर कम होते जा रहे हैं, अचल संपत्तियों के दाम आसमान छू रहे हैं और समाज में संपत्ति की खाई और चौड़ी होती जा रही है। युवा चीनियों के लिए उच्च शिक्षा की डिग्री या अतिरिक्त कुशलता हासिल करना भी अब अच्छी नौकरी की गारंटी नहीं रह गया है। चीन में इस साल 87 लाख कालेज ग्रेजुएट पास आउट हुए हैं। 

सरकारी दावों के विपरीत यह रोजगार के कुंद हुए अवसरों से कुंठित होकर इंटरनेट मीडिया पर हर तरफ इस बारे में बात करते नजर आ रहे हैं। पिछले साल के जारी आंकड़ों के अनुसार कालेज स्नातकों के लिए नौकरियों की कमी का असर अब लोगों के कम होते वेतनों में नजर आने लगा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.