भारत और थाईलैंड के बाद चीन ने सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगाने की बनाई योजना
भारत की तर्ज पर चीन भी सिंगल यूज प्लास्टिक (Single use plastics) को अपने देश में बैन करने की योजना बना रहा है।
बीजिंग, आइएएनएस। भारत की तर्ज पर चीन भी सिंगल यूज प्लास्टिक (Single use plastics) को अपने देश में बैन करने की योजना बना रहा है। सोमवार को एक मीडिया रिपोर्ट में इस प्रकार की जानकारी दी गई है। नेशनल डेवलेपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन (National Development and Reform Commission) ने रविवार को इसके लिए नई पॉलिसी जारी की है। बीबीसी रिपोर्ट के मुताबिक, यह पॉलिसी चीन में अगले 5 सालों तक लागू हो जाएगी। पूरे चीन के सभी शहरों में 2020 तक प्लास्टिक बैग को बैन कर दिया जाएगा हालांकि नए व्यापारियों को 2025 तक इससे छूट दी जाएगी।
इसके साथ ही कहा गया है कि 0.025 मिलीमीटर चौड़ाई के प्लास्टिक को भी चीन में बैन किया जाएगा। कमीशन ने कहा है कि रेस्टोरेंट व्यापरियों को 30 फीसद सिंगल यूज प्लास्टिक बैन करना जरूरी होगा। इस क्रम में चीन के होटल मालिकों के तरफ से कहा गया है कि साल 2025 तक किसी भी उपभोक्ताओं को सिंगल यूज प्लास्टिक नहीं दी जाएगी।
चीन कई सालों से कचरे की समस्या से जूझ रहा है। चीन कचरा के ढेर का बहुत बडा स्थान बन गया है। साल 2017 में चीन एकमात्र ऐसा देश रहा जिसने 215 मिलियन शहरी घरेलू कचरा इकट्ठा किया, लेकिन इसका नेशनल रिसाइकिल फिगर उपलब्ध नहीं है। चीन ने 2010 में 60 मिलियन टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन किया। वहीं यूएस ने 38 मिलियन का उत्पादन किया। बीबीसी कि एक रिपोर्ट से इसकी जानकारी मिली है।
चीन एकमात्र देश नहीं है जिसने सिंगल यूज प्लास्टिक बैन को लेकर योजना बनाई है। थाईलैंड भी इससे पहले सिंगल यूज प्लस्टिक बैग को मुख्य स्टोर में बंद करने का एलान कर चुका है। थाइलैंड का साल 2021 तक पूरे शहर में सिंगल यूज प्लास्टिग बैन का लक्ष्य है। जबकि इंडोनेशिया में भी 2020 तक सभी मार्केट में सिंगल यूज प्लास्टिग बैग बंद करने का लक्ष्य रखा गया है। इस दौरान मलेशिया ने अवैध रूप से आयातित प्लास्टिक कचरे के 150 शिपिंग कंटेनरों को वापस मलेशिया भेज दिया था।