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चीन के 'मिसाइल मैन' बने अब देश के रक्षा मंत्री, चिनफिंग के हैं बेहद करीबी

63 वर्षीय वेई फेंगे को चीन की 'रबर-स्‍टांप' संसद नेशनल पीपुल्‍स कांग्रेस द्वारा रक्षा मंत्री के पद पर नियुक्‍त किया गया।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 01:22 PM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 01:29 PM (IST)
चीन के 'मिसाइल मैन' बने अब देश के रक्षा मंत्री, चिनफिंग के हैं बेहद करीबी
चीन के 'मिसाइल मैन' बने अब देश के रक्षा मंत्री, चिनफिंग के हैं बेहद करीबी

बीजिंग, पीटीआई। चीन ने सोमवार को एक पूर्व मिसाइल यूनिट कमांडर को अपना नया रक्षा मंत्री नियुक्‍त किया, जिनके पहले गेस्‍ट ऑफ ऑनर उनकी भारतीय समकक्ष निर्मला सीतारमण हो सकती हैं। 63 वर्षीय लेफ्टिनेंट जनरल वेई फेंगे चीन की मिसाइल यूनिट 'सेकेंड आर्टिलरी कॉर्प्‍स' के आखिरी कमांडर थे और राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग के करीबी विश्‍वासपात्र हैं। बाद में इस यूनिट को पीपुल्‍स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) रॉकेट फोर्स और स्‍ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स में विभाजित कर दिया गया।

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वेई फेंगे को चीन की 'रबर-स्‍टांप' संसद नेशनल पीपुल्‍स कांग्रेस द्वारा रक्षा मंत्री के पद पर नियुक्‍त किया गया। भारतीय रक्षा मंत्री सीतारमण ने हाल ही में घोषणा की थी कि वह अगले महीने चीन का दौरा करेंगी। पिछले साल डोकलाम में 73 दिन के लंबे गतिरोध के बाद किसी उच्‍च भारतीय अधिकारी द्वारा यह पहला चीन दौरा होगा।

दोनों देशों के संबंधों में सुधार के प्रयासों के तहत इस दौरे का एलान किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी जून में चीन में आयोजित होने जा रहे शंघाई कॉपरेशन ऑर्गनाइजेशन सम्‍मेलन में शिरकत करने की संभावना है।

चीनी सेना राष्‍ट्रपति चिनफिंग की अध्‍यक्षता में सेंट्रल मिलिट्री कमीशन (सीएमसी) के तहत कार्य करती है। रविवार को नेशनल पीपुल्‍स कांग्रेस ने शी चिनफिंग के करीबी दो जनरल को सीएमसी के वाइस चेयरमैन के तौर पर नियुक्‍त किया।

2013 में सत्‍ता संभालने के बाद शी चिनफिंग ने पीएलए के कमांड स्‍ट्रक्‍चर को पूरी तरह से बदल दिया। गौरतलब है कि चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी सेना है और चीन ने अपने सैन्‍य बजट को बढ़ाकर 175 बिलियन डॉलर कर दिया है, जो भारत की तुलना में तीन गुना ज्‍यादा है।

हाल ही में हांगकांग बेस्‍ड साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि वेई पीएलए डिपार्टमेंट के पहले प्रमुख थे, जिन्‍होंने ना केवल शुरुआत से सेना में बदलाव को लेकर राष्‍ट्रपति शी को समर्थन देने का वादा किया था बल्कि वह लगातार सक्रिय रूप से उनसे मिलते भी रहे थे। उन्‍होंने मात्र 16 साल की उम्र में 1970 में सेकेंड आर्टिलरी कॉर्प्‍स ज्‍वाइन किया था। इसके बाद वह आगे बढ़ते चले गए और शी चिनफिंग के प्रति वफादारी के मामले में वरिष्‍ठ सैन्‍य अधिकारियों के बीच सबसे पहले उनका नाम लिया जाता है।


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